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  (पटना की सियासी ) 
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पटना की सियासी गर्माहट दिल्ली पहुंची  (पटना की सियासी ) 

पटना : इस सर्द मौसम में पटना की सियासी  (पटना की सियासी )  गर्माहट दिल्ली तक पहुंच गई है. इस बीच, नीतीश कुमार का पुराना पोस्टर फिर से वायरल है. इसमें बड़े अक्षरों में दिखाई देता है ‘नीतीश सबके हैं’. इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल सकते हैं. साफ है कि महाठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है. आरजेडी और जेडीयू में तनातनी पीक पर है. अब दिल्ली में बीजेपी की तरफ से ताबड़तोड़ बैठकें शुरू हो गई हैं. रात में शाह के घर पर अहम बैठक हुई है. कहा जा रहा है कि नीतीश के एनडीए में वापस आने में बस एक बड़ी अड़चन है, जिसका समाधान बीजेपी को ढूंढना है.

बीजेपी की दुविधा यह है कि जातिगत समीकरणों पर दशकों से चली आ रही बिहार की राजनीति में जनता का मूड आसानी से टटोला नहीं जा सकता. भाजपा को पता है कि लालू की पार्टी आरजेडी का अपना पक्का वोट बैंक है. यही वजह है कि वह बार-बार नीतीश कुमार के झटके झेलने के बाद भी उनका स्वागत करने के लिए तैयार हो जाती है. बिहार में आज जो भी हो रहा है उसकी शुरुआत एक इंटरव्यू से हुई.

शुरुआत यहां से हुई

गृह मंत्री अमित शाह ने संकेत दिए कि पुराने साथी फिर से आना चाहेंगे तो विचार किया जाएगा. इधर, आरजेडी की तरफ से नीतीश की पार्टी को तोड़ने की खबरें बढ़ रही थीं. ललन सिंह का इस्तीफा हुआ और नीतीश ने पार्टी को एकजुट रखने के लिए कमान अपने हाथों में ले ली. बीजेपी सरकार ने अगला दांव तीन दिन पहले चला और अचानक बिहार के दिग्गज समाजवादी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान हो गया. इसके बाद नीतीश कुमार का मूड पूरी तरह बदल गया. वह पीएम मोदी को धन्यवाद देकर लालू परिवार को ही घेरने लगे.

नीतीश ‘पेंडुलम’

सियासी जानकार कहते हैं कि पिछले 11 साल से जेडीयू चीफ नीतीश भाजपा और आरजेडी के बीच पेंडुलम की तरह झूल रहे हैं. इसी वजह से उन्हें बिहार की राजनीति में ‘पलटू राम’ कहा जाने लगा है. अब घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है.

1. नीतीश और लालू दोनों ने पटना में अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की है.

2. बीजेपी ने स्टेट के अपने नेताओं को दिल्ली बुलाया. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी रात में गृह मंत्री अमित शाह से मिले. हालांकि बैठक के बाद चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई है. नीतीश कुमार को लेकर कोई बात नहीं हुई.

3. खबर है कि शाह ने चिराग पासवान से फोन पर बात की है. आज दिल्ली में चिराग गृह मंत्री से मिल भी सकते हैं. इससे पहले चिराग ने अपनी पार्टी के नेताओं से रात में ही बैठक की है.

चिराग पासवान मानेंगे?

दरअसल, बिहार एनडीए में चिराग पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. वह पिछले चुनाव में नीतीश कुमार पर काफी हमलावर रहे थे. 2020 में विधानसभा चुनाव के समय चिराग ने कहा था कि नीतीश भी घोटालों का हिस्सा होंगे, जांच करके इन्हें जेल भेजेंगे. हाल में भी वह लगातार बरसते रहे. कुछ हफ्ते पहले चिराग ने कहा था कि नीतीश अब थक गए हैं, उन्हें आराम करने की जरूरत है. चिराग एनडीए में पहले से हैं. उनका अपना वोट बैंक है और लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अपने कुनबे को बिखरने नहीं देना चाहेगी.

बीजेपी की टेंशन
चिराग पासवान ने कहा था कि बीजेपी को यह तय करना होगा कि क्या वह नीतीश को वापस पाने के लिए 3-4 सहयोगियों को छोड़ना चाहती है.’ ऐसे में साफ है कि अब अगर नीतीश की वापसी पर मुहर लगाई जाती है तो भाजपा को पहले चिराग को मनाना होगा.

चिराग ने कुछ घंटे पहले कहा, ‘मीडिया के माध्यम से जानकारी हम तक आ रही है. बिहार की राजनीतिक स्थितियों पर लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास की भी नजर है. यकीनन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा भी हुई है पर जब तक सारी चीजें क्लियर नहीं हो जाती हैं किसी तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. जो भी होगा, प्रदेश हित में होगा.’

चिराग ने आगे कहा कि बहुत पहले ही ये जानकारी मैंने मीडिया से साझा की थी कि खरमास की समाप्ति के बाद जब शुभ दिनों की शुरुआत होती है तो बिहार की राजनीति में कई फेरबदल होंगे, जो मौजूदा परिस्थितियों में देखने को भी मिल रहा है. मैं मानता हूं कि आने वाले कुछ घंटे काफी महत्वपूर्ण हैं. आज- कल का दिन अहम है.

चिराग और सीएम पोस्ट

इसके बाद उनसे वही सवाल किया गया जो शायद नीतीश कुमार के NDA में आने की राह में सबसे बड़ा ब्रेकर माना जा रहा है. पूछा गया कि अगर नीतीश कुमार फिर से एनडीए में आए तो क्या उन्हें स्वीकार होगा? चिराग ने सधे अंदाज में बस इतना ही कहा कि मेरी चर्चा भाजपा के नेताओं से भी इस विषय पर हुई है. अपनी पार्टी के नेताओं से भी बात हो रही है. हमारी पार्टी की नजर इन परिस्थितियों पर है, जैसे सामने से फैसले आएंगे, वैसे यहां भी होगा.

इस बीच, कहा जा रहा है कि अंदरखाने बीजेपी और जेडीयू की बातचीत में सीएम पोस्ट पर मंथन चल रहा है. बीजेपी ने शायद सीएम पोस्ट अपने पास रखने की शर्त पर नीतीश को हरी झंडी दिखाने का मन बनाया है. गणतंत्र दिवस परेड से पहले सूत्रों के हवाले से पता चला है कि भाजपा और नीतीश कुमार में बात हो गई है. लोकसभा चुनावों तक बदलाव नहीं होगा.