संक्रमण (dengue infection) के बाद भी लोग घरों में मच्छरदानी का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। इस कारण से घर में परिवार के अन्य सदस्यों को भी डेंगू का खतरा बना हुआ है। पटना में अब तक 3 स्कूली बच्चों की मौत हो चुकी है। पटना के एक निजी अस्पताल में एक एमआर की मौत (dengue infection) हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है जिससे निजी अस्पतालों में भर्ती या इलाज कराने वाले मरीजों का डेटा मिल सके।
पटना में हर दूसरे घर में कोई न कोई बुखार से पीड़ित है। कोरोना और वायरल के बीच डेंगू की एंट्री ने लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। सरकारी आंकड़ों में तो डेंगू की रफ्तार कम है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों और जांच घरों में बुखार से पीड़ित 50 से 55% लोगों की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आ रही है।
पटना के सरकारी अस्पतालों में जांच की मुश्किल है। स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच किट नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी है। हालांकि सरकार का दावा स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच को लेकर है, लेकिन प्राइवेट पैथोलॉजी और अस्पतालों की भीड़ इसकी जमीनी हकीकत बताने के लिए काफी हैं।