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( white brinjal)
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सफेद बैंगन ( white brinjal)में पाए जाते हैं ज्यादा पौष्टिक तत्व

सफेद बैंगन: बैंगन के बारे में सभी किसान जानते होंगे. बैंगन ( white brinjal) काफी लोगों की पसंदीदा सब्जी है. इसका उपयोग कई तरह की सब्जियां बनाने में किया जाता है. बैंगन को जहां आलू (में मिलाकर आलू-बैंगन की सब्जी बनाई जाती है, वहीं इससे स्वादिष्ट और लजीज कलौंजी भी बनती है. कई लोगों को बैंगन का चोखा भी बेहद पसंद होता है. फेमस बाटी-चोखे का चोखा भी तो बैंगन से ही बनता है. लेकिन ये सब व्यंजन गहरे बैगनी रंग के दिखने वाले बैंगन से ही बनते है. लेकिन इसके अलावा एक और कलर का बैंगन भी होता है. यह बैंगन बाजार में कम ही दिखता है. हम बात कर रहे हैं सफेद बैंगन की जो अंडे की तरह दिखाई देते हैं. इस बैंगन की डिमांड काफी बढ़ी है. इसकी डिमांड न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी काफी की रही है. किसान भाई इसकी खेती कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. यह बेहद फायदे की खेती है. तो चलिए हम, आपको सफेद बैंगन की खेती के बारे में जानकारी देते हैं…

फरवरी-मार्च में होती है बुआई
सफेद बैंगन ) की खेती के लिए सबसे बेहतर समय फरवरी और मार्च का होता है. इसकी बुआई (Sowing) फरवरी अंत से लेकर शुरू मार्च तक की जाती है. हालांकि भारत में कई जगह यह दिसंबर में भी बोया जाता है. जून-जुलाई के महीने में ये बैंगन पूरी तरह तैयार हो जाते हैं. जिन्हें बाजारों में बेचकर आप काफी मुनाफा कमा सकते हैं. तो अगर आप भी सब्जियां बेचकर पैसा कमाना चाहते हैं तो सफेद बैंगन की खेती आपके लिए बहुत फायदेमंद है.

ऐसे करें बुआई
सफेद बैंगन की बुआई के लिए सबसे पहले क्यारी बनानी चाहिए. किसान भाई डेढ़ मीटर लंबी और लगभग 3 मीटर चौड़ी क्यारी बना लें. इसके बाद मिट्टी को भुरभुरा कर दें. इसके बाद किसान भाई हर क्यारी में दो सौ से ढाई सौ ग्राम डीएपी डाल दें. डीएपी डालने के बाद किसान भाई सफेद बैंगन के बीजों की एक लाइन खींचकर उसमें बुआई कर सकते हैं. कुछ दिनों बाद इससे पौधे निकल आएंगे.
सबसे ज्यादा जम्मू में होती है खेती
सफेद बैंगन की खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी कई जाती. लेकिन इसकी सबसे ज्यादा खेती जम्मू में होती है. देश के दूसरे इलाकों के किसान भाई ज्यादातर जम्मू से ही बीज ले जाकर अपने यहां सफेद बैंगन की खेती करते हैं. जम्मू के अलावा अन्य राज्यों में अभी इसकी खेती बहुत कम मात्रा में होती है. सफेद बैंगन में गहरे बैगनी या काले रंग वाले बैंगन से ज्यादा पौष्टिक तत्व होते हैं. यही कारण है कि बाजार में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है.