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(मोदी सरनेम )
(मोदी सरनेम )

मोदी सरनेम (मोदी सरनेम )केस सजा पर रोक लगाने की है मांग

नई दिल्ली. मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. इससे पहले इस मामले की सुनवाई 2 अगस्त को हुई थी. तब राहुल गांधी ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर बताया था कि कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग हुआ है. माफी मांगने से मना करने पर मुझे अहंकारी कहा गया, ये निंदनीय है. राहुल गांधी ने हलफनामा में कहा कि मानहानि केस में उन्हें अधिकतम सजा दी गई है, जिसके चलते उनकी सांसदी चली गई. उनपर मुकदमा करने वाले पूर्णेश मोदी खुद मूल रूप से मोदी समाज (मोदी सरनेम ) के नहीं हैं. ऐसे में उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए.

साल 2019 में बीजेपी ने दायर किया था मुकदमा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में गांधी के खिलाफ उनकी इस टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था कि ‘‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?’’ उक्त टिप्पणी गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की थी. शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में, गांधी ने कहा कि मोदी ने अपने जवाब में उनके लिए ‘अहंकारी’ जैसे ‘निंदात्मक’ शब्दों का इस्तेमाल केवल इसलिए किया क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है.अगर माफी मांगनी होती तो बहुत पहले मांग चुके होतेः राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कहा, ‘याचिकाकर्ता को बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रभावों का उपयोग करना न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.’ गांधी ने हलफनामे में कहा, ‘याचिकाकर्ता का कहना है और उसने हमेशा कहा है कि वह अपराध का दोषी नहीं है और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है और अगर उसे माफी मांगनी होती और समझौता करना होता, तो वह बहुत पहले ही ऐसा कर चुके होते.’