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कान्वेंट स्कूल की लैब में मिला मानव भ्रूण,स्कूल में नहीं लगाने दिया जाता तिलक और कलावा

मध्य प्रदेश:मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना स्थित ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित निर्मल ज्योति कान्वेंट स्कूल की लैब में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग को जांच के दौरान मानव भ्रूण मिलने से बवाल हो गया. पुलिस द्वारा इन भ्रूण को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है. इसका खुलासा मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की जाँच में हुआ है. वहीं स्कूल के पास इस बात का जवाब नहीं है कि यह मानव भ्रूण कहाँ से आया और कितना पुराने है. इस संबंध में जब बाल आयोग के सदस्यों ने स्कूल की प्राचार्या से पूछा तो वह भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई. कई छात्रों का आरोप है कि स्कूल में ईसाई धर्म की मान्यताओं का पालन करने के लिए मजबूर किया जाता था. उन्हें स्कूल में तिलक और कलावा नहीं लगाने दिया जाता था. जो भी छात्र इसे पहनकर आते थे,उन्हें स्कूल से निलंबित कर दिया जाता था.आयोग के सदस्यों ने स्कूल का रजिस्टर चेक किया और स्कूल का निरीक्षण भी शुरू किया. प्रयोगशाला में निरीक्षण के दौरान आयोग के सदस्यों को एक जार में मानव भ्रूण रखा हुआ मिला. प्राचार्य ने इसे प्लास्टिक से बना हुआ कृत्रिम भ्रूण बताया. जब आयोग ने पूछा कि प्लास्टिक के भ्रूण को संरक्षित क्यों किया गया है ,तब प्राचार्य सही जवाब नहीं दे पाई. यह मानव भ्रूण लगभग दो महीने पुराना है. स्कूल छात्रों पर फीस को लेकर भारी दबाव बनाता रहता है,जिसके कारण वे मानसिक रूप से दबाव महसूस करते हैं. स्कूल का फीस जमा नहीं करने पर प्राचार्य ने एक छात्र को स्कूल से निष्कासित कर दिया था. उसके परिजनों ने पुलिस और बाल आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी.