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(फिलिस्तीन )
(फिलिस्तीन )

फिलिस्तीन के समर्थन वाला प्रस्ताव आखिर कैसे हुआ पास?(फिलिस्तीन )

इजरायल-हमास युद्ध के बीच कांग्रेस वर्किंग कमेटी के उस प्रस्ताव पर घमासान मच गया है, जिसमें पार्टी ने फिलिस्तीन (फिलिस्तीन ) का समर्थन किया था. इस प्रस्ताव में हमास या आतंकवाद का कोई जिक्र नहीं था. कांग्रेस ने अब इस प्रस्ताव की जांच शुरू कर दी है और पता लगा रहा है कि आखिर यह प्रस्ताव कैसे पारित हुआ.चौतरफा आलोचना के बाद कांग्रेस अब भूल सुधार की दिशा में काम कर रही है और इसी क्रम में प्रस्ताव की जांच की जा रही है.
गलती सुधार रही कांग्रेस?
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के इस प्रस्ताव का जिक्र किये बगैर पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ”कांग्रेस स्पष्ट रूप से निर्दोष इजरायली नागरिकों पर हमास के हमले की निंदा करती है…” आपको बता दे कि इजरायल पर हमास के हमले के ठीक बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया था. इस प्रस्ताव में फिलिस्तीनी नागरिकों की गरिमा और सम्मान के समर्थन को दोहराया गया था. प्रस्ताव में दोनों पक्षों से लड़ाई पर विराम लगाने का आह्वान किया गया था. हालांकि इसमें कहीं भी हमास का नाम नहीं था.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार की जातिगत जनगणना पर चर्चा करना चाहते थे और बहुत अनिवार्य होने पर ही मिडिल ईस्ट के मसले पर किसी बयान के पक्ष में थे. लेकिन CWC एक कदम आगे बढ़ गया और बाकायदा प्रस्ताव पारित कर दिया.

पी. चिदंबरम ने क्या कहा?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी इजरायल-हमास युद्ध पर टिप्पणी की है. चिदंबरम ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमास द्वारा किया गया आतंकवादी हमला इजराइल-गाजा युद्ध का कारण है. उन्होंने कहा कि तत्काल हिंसा रोकने की आवश्यकता है. X पर एक पोस्ट में चिदंबरम ने कहा कि इजरायल-गाजा युद्ध के तेज होने और दोनों पक्षों में अधिक मौतें होने का खतरा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कहा कि गाजा के खिलाफ इजरायल की ओर से की गई व्यापक जवाबी कार्रवाई से हिंसा तेज हो गई है. सैनिकों के अलावा महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों नागरिक मारे गए हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंसा से कुछ भी हल नहीं होता है और यह निश्चित रूप से इजरायल और गाजा के वास्तविक शासकों के बीच दशकों पुरानी दुश्मनी का समाधान नहीं करेगी.
इजरायल-हमास की लड़ाई में अब तक क्या हुआ?
हमास के आतंकियों ने 6 अक्टूबर को इजरायल पर अचानक हमला कर दिया था. उसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की. अब तक दोनों तरफ से 3500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को पूरी तरह से नष्ट करने का संकल्प दोहराया है. नेतन्याहू ने सरकारी टेलीविजन पर संबोधन के दौरान कहा,”यह सिर्फ शुरुआत है. हम इस युद्ध को पहले से भी अधिक मजबूती से खत्म करेंगे.”