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(free to tourists)

11 दिन के लिए ताजमहल में पर्यटकों को निशुल्क

आगरा । ताजमहल (free to tourists) में प्रवेश के लिए साल 1966 में पहली बार टिकट लगाया गया था। इसके बाद पहली बार 11 दिन के लिए ताजमहल में पर्यटकों को निशुल्क (free to tourists) प्रवेश दिया गया। इस दौरान करीब सात लाख पर्यटक दुनिया के सात अजूबों में शामिल इस वैश्विक धरोहर को देखने पहुंचे। ताज में मुख्य गुंबद तक जाने के लिए 200 रुपए का अतिरिक्त टिकट है।

इस तरह पूरा ताजमहल घूमने के लिए भारतीयों के लिए 250 और विदेशियों के लिए 1300 रुपए का टिकट है। प्रवेश के लिए टिकट नहीं होने की वजह से ताजमहल में पांच अगस्त से ही पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। अंत के तीन दिन तो हर दिन एक लाख से ज्यादा पर्यटक ताजमहल पहुंचे। 15 अगस्त को यह आंकड़ा करीब सवा लाख पर पहुंच गया।

ताजमहल में अगर आम दिनों में इतने पर्यटक आते, तो एएसआई को आठ करोड़ रुपए से ज्यादा की आय होती। अगर सात लाख भारतीय पर्यटक भी होते, 50 रुपए प्रति पर्यटक के हिसाब से प्रवेश टिकट से ही 3.5 करोड़ रुपए मिलते। अगर सात लाख में से आधे पर्यटक भी मुख्य मकबरे को देखने के लिए 200 रुपए का टिकट लेते, तो इससे सात करोड़ रुपए की आय होती।

कोरोना संक्रमण के दो साल बाद ताजमहल पर लगातार कई दिनों तक पर्यटकों की भीड़ उमड़ी। भीड़ संभालने में सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूट गए। यदि सामान्य दिनों में इतने पर्यटक आते, तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को 10 करोड़ से ज्यादा की आय होती। हालांकि, 11 दिन ताजमहल में बिना टिकट प्रवेश दिया गया। मगर, शुक्रवार को ताजमहल बंद होने के कारण केवल नौ दिन ही पर्यटकों को ताजमहल का दीदार करने का मौका मिला। इससे पहले केवल शाहजहां के उर्स पर ताजमहल में तीन दिन प्रवेश निशुल्क रहता है।