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(stray dogs)

आगरा में आवारा कुत्तों का खौफ

आगरा । आगरा (stray dogs) में बोलने में अक्षम दस साल की मासूम बेटी को आवारा कुत्तों (stray dogs) द्वारा नोच डाला गया था। गंभीर हालात में जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बाद भी बीती रात वो जिंदगी की जंग हार गई। पूरे शहर में आवारा कुत्तों का आतंक है और कोई जिम्मेदार इसका कोई उपाय करने का प्रयास नहीं करता है।

हम ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाएंगे। सुबह पूरे गांव के साथ परिजनों ने गांव में उसका अन्तिम संस्कार कर दिया। परिजनों का कहना है की जिम्मेदार अधिकारियों ने अगर कुत्तों को वक्त रहते पकड़ा होता तो उनकी मासूम गुंजन आआज जीवित होती। अब परिजन जिम्म्मेदारों की शिकायत करेंगे।

इसके बाद मासूम गुंजन को उसकी दादी संभालती थी। ताऊ रामबाबू और चाचा करन सभी उसे बहुत प्यार करते थे। मासूम गुंजन पैदा होते ही बोलने में अक्षम थी।इस दौरान लगभग 1 दर्जन आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया था और बुरी तरह नोच डाला था। दस साल की मासूम के शरीर पर 26 घाव थे।

मंगलवार दोपहर तक उसकी हालत स्थिर हुई थी। रात में उसका हीमोग्लोबिन कम होने पर डॉक्टरों ने उसे ड्रिप लगाई थी। इसके बाद एंटीबायोटिक डेस्का का इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन के लगने के कुछ देर बाद उसे सेप्टिक शॉक हुआ और वो इस झटके को नहीं झेल पाई ।

कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया।परिजनों ने पहले नर्स पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद देर रात 1 बजे के लगभग जब चिकित्सकों से उन्हें सही जानकारी हुई तो वो बिना कोई शिकायत के बच्ची का शव लेकर घर चले गए।