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(Engineers of Betul):

शहद बेचकर लाखों रुपए कमा रहे बैतूल के इंजीनियर्स

बैतूल । बैतूल (Engineers of Betul) के आकाश वर्मा और आकाश मगरूरकर बचपन में साथ खेले और स्कूल में साथ पढ़े। दोनों ने साथ में इंजीनियरिंग की। आकाश ने 2012 में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Engineers of Betul) से बीई की पढ़ाई की।

2013 में एक एलईडी कंपनी में जॉइन किया। शहद के उत्पादन की योजना बनाकर इसे बतौर बिजनेस शुरू करने की प्लानिंग की तो समझ आया कि यह बैतूल में संभव नहीं है।

फ्लोरा की कमी दूर करने के लिए सरसों की खेती की लेकिन मधुमक्खियों के वैक्स को कीड़ों ने खा लिया, कई छत्ते नष्ट हो गए। कोरोना वायरस की दोनों लहरों के दौरान उनका व्यवसाय प्रभावित हुआ, लेकिन अब फिर से पटरी पर आ गया है।

दोनों ने 2019 में अपनी कंपनी रजिस्टर्ड कर खुद की पैकेजिंग के साथ शहद बेचना शुरू किया। आज दोनों हर साल 5 टन से ज्यादा शहद का उत्पादन कर रहे हैं। डिब्बों में शहद भरने के बाद इसे निकालकर पैकेजिंग की जाती है।