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(dispute over judgment)

केरल सरकार के स्कूलों से जुड़े एक फैसले पर विवाद

केरल (dispute over judgment) में एलडीएफ सरकार के स्कूलों से जुड़े एक फैसले पर विवाद (dispute over judgment) खड़ा हो गया है। दरअसल, सरकार ने सहायता प्राप्त स्कूलों को को-एड बनाने का फैसला किया था। लेखक एम एन करासेरी ने समस्त केरल जमीयत-उल-उलेमा पर मुस्लिम समुदाय के सबसे रूढ़िवादी संगठनों में से एक होने का आरोप लगाया है।

यह संगठन मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ है। आईएनएल के मंत्री अहमद देवरकोविल को पार्टी ने कैबिनेट बैठकों में इस फैसले का विरोध जताने के लिए कहा है। विवाद बढ़ता देख सीएम पिनराई विजयन ने सफाई दी। कहा- ‘सरकार स्कूली बच्चों का ड्रेस कोड तय नहीं करेगी।

साथ ही स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए समान ड्रेस कोड लागू करने की बात कही थी। इसके तहत बच्चों को शर्ट और ट्राउजर पहनना था। लेकिन राज्य के कई मुस्लिम संगठन इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं। समान ड्रेस पैटर्न के कारण मुस्लिम संगठनों ने इसे समलैंगिकता को बढ़ावा देने वाला फैसला करार दिया है।

एलडीएफ के घटक दल इंडियन नेशनल लीग (आईएनएल) ने भी सरकार के फैसले की निंदा की है। एलडीएफ के कई नेता सार्वजनिक मंचों से भी ये बात कह चुके हैं। ऐसे में एलडीएफ अपने वोट बैंक और घटक दलों को नाराज नहीं करना चाहती। इसी कारण उन्हें ये फैसला बदलना पड़ा।

यह अधिकार उन शिक्षण संस्थानों का है, जहां बच्चे पढ़ रहे हैं। लोग पोशाक, भोजन और विश्वास के मामले में स्वतंत्र हैं और इनके बारे में अतिवादी दृष्टिकोण नहीं हो सकता है।’ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विजयन सरकार के खिलाफ इस बार सत्ता-विरोधी लहर तेजी थी, पर मुस्लिम संगठनों और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के कारण ही उनकी वापसी हो पाई।