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(constitutional validity)

नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री (constitutional validity) का देश के लोगों के नाम संदेश याद होगा। यह वही संदेश था जिसमें प्रधानमंत्री ने उस रात 12 से 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। नोटबंदी की योजना के पीछे सरकार की जो मंशा है वो तारीफ के लायक है। हम आर्थिक नीति में दखल नहीं देना चाहते, लेकिन हमें लोगों को हो रही असुविधा (constitutional validity) की चिंता है।

उन्होंने सरकार से इस मसले पर एक हलफनामा दायर करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकीलों ने सरकार की नोटबंदी की योजना में कानूनी गलतियां होने की दलील दी, जिसके बाद 16 दिसंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 5 जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया था।

मामले में 16 दिसंबर 2016 को ही केस संविधान पीठ को सौंपा गया था, लेकिन तब बेंच का गठन नहीं हो पाया । 15 नवंबर 2016 में उस समय के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की थी।कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। यहां तक कि कोर्ट ने तब नोटबंदी के मामले पर अलग-अलग हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई से रोक लगा दी थी।