गम-ए-हुसैन मना रहे शिया-सुन्नी मुसलमान
वाराणसी । आज (Gham-e-Husain) मुहर्रम के 10वें दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। वाराणसी में सभी शिया-सुन्नी मुसलमान आज एक साथ गम-ए-हुसैन (Gham-e-Husain) मना रहे हैं। इससे पहले आज की आधी रात वाराणसी में दुल्हे के जुलूस में लाखों मुस्लिम शरीक हुए।
शहर में बुर्राख का ताज़िया, रांगे का ताज़िया, नगीने वाला ताज़िया, पीतल वाला ताज़िया, मोती वाला ताज़िया, फूलो वाला ताज़िया, चपरखत का ताज़िया भी ज़ियारत का केंद्र बना रहा। दूरदराज़ इलाकों से आकर लोगों ने इमाम चौक पर ताजिये रख कर रात इबादत में गुज़ारी।
भीड़ को कंट्रोल करने के लिए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात थी। कहीं कोई अनहोनी न हो इसका भी खासा इंतजाम किया गया था। इस परंपरा का निर्वहन केवल बनारस में ही सदियों से होता आ रहा है।
यह जुलूस शिवाला से भदैनी, अस्सी, दुर्गाकुंड, गौरगंज, रेवड़ी तालाब, नई सड़क, पान दरीबा, औरंगाबाद, लल्लापुरा, फातमान, सोनारपुरा होते हुए वापस शिवाला घाट पहुंचा।
शहर की 27 शिया अंजुमनो ने अपने अपने चेतेओ में अलम निकालकर भ्रमण किया। दरगाह ए फातमान, सदर इमामबाड़ा, कुम्हार का इमामबाड़ा आदि स्थानों पर रात से ही अच्छी-खासी जनता इकट्ठा है। इस गम में आज शहर के शिया और सभी सुन्नी गम-ए-हुसैन की जुलूस, ताजिया और सभा में शरीक होंगे।
खुदा से माफी मांगेगे। आज की जो रात बीती है, उसमें इमाम हुसैन और उनके साथियों ने खुदा की इबादत में गुज़ारी थी। वहीं सूरज उगने के साथ उनकी शहादत हो गई।