समलैंगिक विवाह:समलैंगिक विवाह(lesbian marriage) को लेकर भारत में कई सवाल उठ रहे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है. एक वकील ने इसे कानूनी मान्यता देने की मांग की है. उनकी शादी 2014 में अमेरिका में पहले ही रजिस्टर्ड हो चुकी है और अब वे अपनी शादी को विदेशी विवाह अधिनियम 1969 के तहत भारत में रजिस्टर्ड कराना चाहते हैं. भारत में तो यह अभी भी कानूनी दांवपेच में उलझा हुआ है पर क्या आपको पता है कि दुनिया के तमाम देशों में यह कॉमन है. 32 देशों में तो इसे कानूनी मान्यता भी मिल गई है. आइए जानते हैं उन देशों के बारे में …
अमेरिका फ्रांस जैसे 10 देश भी शामिल
अमेरिका : 2004 तक सिर्फ एक राज्य में समलैंगिक विवाह मान्य था लेकिन 2015 तक सभी 50 राज्यों में कानूनी वैधता मिल चुकी है। सभी राज्यों में समलैंगिक विवाह के लिए अलग अलग कानून हैं। संघीय सरकार और सभी राज्यों में विवाह को मान्यता देना आवश्यक है, यदि युगल का विवाह उस राज्य में हुआ था जहां संघ कानूनी था.
ब्रिटेन: यूनाइटेड किंगडम के सभी हिस्सों में समलैंगिक विवाह मान्य हैं. इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में समलैंगिक विवाह का साल 2014 में मान्यता मिली थी और नॉर्दर्न आयरलैंड में जनवरी 2020 में. इसके अलावा 14 ब्रिटिश ओवरसीज टेरिटरीज में से नौ में समलैंगिक विवाह मान्य हैं.
अर्जेंटीना: लातिन अमेरिका का पहला देश है, जहां समलैंगिक शादी यानी गे मैरिज को कानूनी दर्जा मिल गया है. यहां लगभग 90 फीसदी लोग कैथोलिक धर्म को मानते हैं. कुछ रूढ़ीवादी विचारधारा के लोगों ने इस कानून का विरोध किया था. पादरियों ने वर्जिन मेरी की मूर्तियों को प्रदर्शित करके इसका विरोध किया था. लेकिन गे अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे लोगों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया और नारे लगाए, चर्च, तुम कूड़ा हो, तुम तानाशाह हो.
फ्रांस: समलैंगिक विवाह मई 2013 से कानूनी रूप से मान्य हैं. ये वैधता मेट्रोपोलिटन फ्रांस और फ्रेंच ओवरसीज टेरिटरीज में भी लागू है. फ्रांस में एक सिविल यूनियन योजना नवंबर 1999 से लागू है जिसके तहत समलैंगिक जोड़े रिश्ता कायम कर सकते हैं. कानून के तहत समलैंगिक जोड़ों को शादी करने और बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिला .
जर्मनी: समलैंगिक विवाहों को अक्टूबर 2017 में मान्यता मिली थी. वैसे देश में समलैंगिक जोड़ों को विवाह के अधिकार सीमित रूप से 2001 से ही प्राप्त थे. नए कानून में समलैंगिक जोड़ों को बच्चे को गोद लेने समेत सभी वैवाहिक अधिकार दिए गए हैं.
ऑस्ट्रेलिया: समलैंगिक विवाह दिसंबर 2017 से वैध हैं . कानून पारित होने से पहले पूरे देश में डाक से एक सर्वेक्षण भी कराया गया था, जिसमें 61.6 प्रतिशत लोगों ने समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने का समर्थन किया था.
नीदरलैंड: यह पहला देश था जिसने साल 2001 में समलैंगिक शादी को मान्यता दी थी. उन्हें कई अधिकार भी दिए गए हैं. यहां तक की शाही राजघराने को भी इस कानून के दायरे में रखा गया है. इसके लिए कैबिनेट ने विशेष बिल पर मुहर लगाई है.
ऑस्ट्रिया : यहां दिसंबर 2009 से कानूनी मान्यता है. अगर जोड़े में से एक सदस्य की मौत हो गई तो दूसरे को पेंशन मिलेगा और अलग होने के वक्त गुजारा भत्ता भी देना होगा. हालांकि पास हुए विधेयक में कृत्रिम गर्भाधान और बच्चा गोद लेने पर प्रतिबंध है.
फिनलैंड : ससंद ने भारी बहुमत से मार्च 2014 में यह कानून पारित किया था. बच्चा गोद लेने और उसे अपना नाम देने के साथ-साथ समलैंगिक जोड़ों को और भी कई समान अधिकार दिए गए हैं. सरकार ने कहा था कि अब समलैंगिक और विपरीत लिंग के विवाह के बीच के भेदभाव खत्म कर दिया गया है.
ब्राजील : समलैंगिक विवाह मई 2013 से कानूनी रूप से वैध हैं. समलैंगिक रिश्तों को मान्यता 2004 में ही मिल गई थी और विवाह के सीमित अधिकार 2011 में मिल गए थे.
ताइवान : ताइवान में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता मई 2019 में मिली थी। ताइवान यह मान्यता देने वाला एशिया का एकलौता देश है हालांकि समलैंगिक जोड़ों को बच्चा गोद लेने जैसे कुछ अधिकार अभी भी नहीं मिले हैं।
कनाडा: कुछ प्रांतों में समलैंगिक विवाहों को मान्यता 2003 से ही मिलनी शुरू हो गई थी और जुलाई 2005 में ये वैधता पूरे देश में लागू हो गई.
दक्षिण अफ्रीका: अफ्रीका का एकमात्र देश है जहां समलैंगिक विवाह कानूनी रूप से मान्य हैं। यहां समलैंगिक विवाहों को मान्यता नवंबर 2006 में ही मिल गई थी।
बेल्जियम : जून 2003 से कानूनी मान्यता. 2014 तक समाज में ऐसे जोड़ों की संख्या 3.2 फीसदी तक पहुंच गई। यहां बडी तादात में ऐसे संघ बन गए हैं जो समलैंगिक समुदाय की आवाज उठाते रहे हैं. यहां समलैंगिकों को तमाम अधिकार भी दिए गए हैं.
चिली : दिसंबर 2021 से यहां समलैंगिक शादी मान्य. समलैंगिकों को अधिकार दिलाने के नाम पर ही सत्ता में आई नई सरकार ने अपना वादा पूरा किया था. इसके बाद से बच्चों के साथ समान-लिंग वाले जोड़े को पूर्ण कानूनी मान्यता प्राप्त हो गई है.
कोलंबिया : कोलंबिया में समलैंगिक विवाह 28 अप्रैल 2016 से वैध है. सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक जोड़ों के लिए भी कानूनी तौर पर बच्चे गोद लेने के अवसर खोल दिए हैं. समान-लिंग वाले जोड़ों के लिए कई सामान्य-कानून विवाह संपत्ति और पेंशन अधिकारों का विस्तार किया है. उन्हें सामजिक सुरक्षा भी दी गई है.
प्रधानमंत्री खुद शादी के बंधन में बंधीं
आइसलैंड : आइसलैंड की संसद ने 12 जून 2010 को एक कानून पारित किया जिसके मुताबिक देश में समलैंगिक शादियों को कानूनी दर्जा दिया गया है. इससे पहले समलैंगिक रिश्तों को ‘सिविल पार्टनरशिप’ के जरिए साधारण विवाहों के स्तर तक ला दिया गया था लेकिन इसे विवाह का दर्जा नहीं दिया गया था. वहां की प्रधानमंत्री योहाना सिगुर्दारदोत्तीर ने लम्बे समय की अपनी जीवन संगिनी से शादी कर ली है.
इक्वाडोर : 12 जून 2019 को इक्वाडोर की संवैधानिक कोर्ट ने भी आदेश दिया कि सेम सेक्स कपल्स को शादी करने का अधिकार है, जिसके बाद इक्वाडोर में गे और लेस्बियन कपल्स को शादी करने का हक मिल गया
कानून पारित होने पर आधी रात की शादी
कोस्टारिका : लैटिन अमेरिका में छठा देश है, यहां समलैंगिक विवाह को मई 2020 में वैधता दी गई थी. इसके बाद डारित्ज़ा अरया और एलेक्जेंड्रा क्विरोस ने आधी रात के बाद शादी की. यह देश में पहला कानूनी समलैंगिक विवाह था और इसे इंटरनेट पर लाइव स्ट्रीम किया गया.
डेनमार्क : वर्ष 1989 में दुनिया का ऐसा पहला देश बना था जिसने समान लिंग वाले युगल के लिए ‘सिविल पार्टनरशिप’ को मान्यता प्रदान की थी. और जून 2012 में उसने समलैंगिकों को कई अधिकार देते हुए कानून भी पारित कर दिया.
आयरलैंड : कट्टर रोमन कैथोलिक देश आयरलैंड ने मई 2015 में समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर पर जायज माना था. यहां जनमत संग्रह में 70 फीसद से ज्यादा लोगों ने समलैंगिक विवाह के पक्ष में मतदान किया था.
इन देशों में भी बंधन खत्म
कई और देशों में भी कानूनी मान्यता मिली हुई है. इनमें मेक्सिको (2010), न्यूज़ीलैंड (2013), नॉर्वे (2009), दक्षिण अफ्रीका (2006), स्पेन (2005), स्वीडन (2009) और स्विट्ज़रलैंड (2022) शामिल हैं