Breaking News

2000 करोड़ रुपए की इनकम, माया बताएं सत्‍ता में रहे बि‍ना कैसे हुई

लखनऊ. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती से पूछा है कि‍ 2012 में सरकार से अलग होने के बाद फैमि‍ली की 50 कंपनियों से उन्‍हें 2000 करोड़ रुपए की इनकम कैसे हुई। उन्‍होंने श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। साथ ही वि‍धानसभा के लि‍ए डेढ़ से दो करोड़ और जि‍ला पंचायत चुनाव के लि‍ए ढाई लाख रुपए लेकर टि‍कट देने का माया पर आरोप लगाया है। मायावती के बारे में और क्‍या कहा…
– स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधि‍त कि‍या। – उन्‍होंने कहा कि‍ आज यूपी में जिसको हम देवी कहते थे वो भ्रष्‍टाचार में डूबी हैंं।
– यहां रेप, मर्डर, गरीबों की जमीनों पर कब्जे का अत्याचार चल रहा है लेकिन देवी को चिंता नहीं।
– उन्‍हें पैसे की हवस है। मेरे साथियों ने कहा कि‍ जिस तरह देश के अरबपति विजय माल्या ने विदेश में शरण लिया है उसी तरह माया लाखों रुपया डकार कर विदेश भागना चाहती हैं।
– माया को नेता नहीं कलेक्शन अमीन चाहिए। आज जोनल कोआर्डिनेटर कलेक्शन अमीन बनकर लोगों को खोज कर लाते हैं, पैसा दिलाकर टिकट देते हैं।
चुनावी टि‍कट के लि‍ए पैसा लेने का आरोप
– जिला पंचायत चुनाव में जो ढाई लाख नहीं दे सका उसे टिकट नहीं मिला।
– विधानसभा के लिए डेढ़ से दो करोड़ रुपए के नीचे टिकट मिलने वाला नहीं है।
– मौर्य ने कहा, ‘2 साल पहले पडरौना से मेरा टिकट नहीं कटता, आपने पैसा मुझसे भी मांगा। मैंने कहा मेरे पास पैसे नहीं हैं और पैसे देकर स्वामी चुनाव नहीं लड़ता।’
कांशीराम के बारे में क्‍या कहा
– जिस उद्देश्य से कांशीराम ने बीएसपी का गठन किया था उन्हीं की उत्तराधिकारी नीलाम कर रही हैं।
– जिस मिशन को कांशीराम बढ़ाते रहे, आज माया उनके विचारों की हत्या कर रही है।
– आज वो बाबा साहेब के मिशन की हत्या कर रही हैं, कांशीराम के विचारों को ठेस पहुंचा रही हैं।
– कांशीराम के समय में अगर किसी जिले में अध्यक्ष पिछड़े समाज का होता था तो महासचिव दलित होता था।
– कांशीराम ने पार्टी बनाई थी माया ने नाम बदल दिया। अब बहुजन स्टेट पार्टी हो गई है। वह पार्टी का दुरुपयोग कर रही हैं।
– कांशीराम ने कहा था जिसकी जितनी भागेदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी लेकिन उनके बाद माया ने नारा बदला।
– अब माया का नारा है, ‘जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी भागेदारी।’
– रकम वसूलने के लिए अब उनका नारा हो गया है, ‘जिसकी जितनी थैली भारी, उसकी उतनी भागेदारी।’
दलित और पिछड़े समाज के कई कार्यकर्ताओं का माया ने नहीं कि‍या सम्‍मान
– दलित और पिछड़े समाज के कई कार्यकर्ता हैं, जि‍नका माया ने सम्मान नहीं रखा।
– एक लड़के ने एमपी और राजस्थान तक साइकिल चलाई, उसकी मौत हो गई। बहन जी ने पूछा तक नहीं।
– भगवती प्रसाद कांशीराम के सिपाही हैं। विधायक रहते टिकट काटा गया। कई लोगों को बाहर निकाला चाहे वह आरके चौधरी हों या राजा राम पटेल।
– आगे जो पैसा नहीं दे सकते उनका टिकट काट दिया गया और काटे जाएंगे। इनकी सूची लंबी है।
– इनमें अब्दुल मन्नान जैसे लोगों का टिकट काट दिया गया।
– मौर्य ने कहा, ‘मेरे इस्तीफा देने के बाद जिनका टिकट काटा, उनको बुलाया, पार्टी में लिया, टिकट दिया, साथियों यह सब छलावा है।’
अपने बारे में दी सफाई
– मौर्य ने कहा, ‘मेरे इस्तीफे के बाद माया ने कहा स्वामी गद्दार है। मैं कहना चाहता हूं कि‍ हमारी धमनियों में महात्मा बुद्ध के रक्त का संचार है, बाबा साहेब का मिशन है, सिकंदर को परास्त करने वाले चंद्रप्त मौर्य का रक्त है, हमारी धमनियों में सम्राट अशोक का धम्म का इतिहास संचालित हो रहा है।’
– सही मायने में गद्दार कौन है। माया अपने दामन में झांककर देखें, आप तो महागद्दार की नानी हैं जिन्होंने बाबा साहेब के मिशन को बेचा है।
– स्वामी 5 बार मंत्री का शपथ ले चुके हैं, 3 बार नेता विरोधी दल रह कर सत्ता को मुट्ठी में दबाकर चलने का काम किया है।
– स्वामी पर किसी ने अब तक उंगली नहीं उठाई है। क्या आप चाहती हैं कि‍ आपका काला चिट्ठा खोलूं।
– इनके इतने काले चिट्ठे हैं, जब-जब आप एकत्र होंगे तब-तब खोलूंगा।
– आपके दर्जनों मंत्री जेल हो आएं लेकिन स्वामी पर उंगली नहीं उठी। स्वामी सूरज है आप देखोगी तो भस्‍म हो जाओगी।
मौर्य ने और क्‍या कहा
– इसी 16 अप्रैल को मुझे बुलाकर माया ने कहा- आप पडरौना नहीं जाएंगे। मैंने कहा- गलती क्या है तो उन्होंने कहा- यह मेरा आदेश है।’
– माया ने मुझे मना करते हुए कहा- आप ज्योतिबाफुले, सम्राट अशोक जयंती जैसे कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। माया ने कहा- तुम्हारे जाने से ऊंची जाति‍ के लोग नाराज हो जाएंगे।
– कई दर्जन विधायक हमारे साथ हैं। मैं उनका पत्ता नहीं खोलूंगा। जिनका खोला उनको माया ने बुलाकर टिकट दिया।
– विधायकों का पत्ता तब खोलूंगा जब माया कोई चाल चलेंगी।
– मैंने लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर में 22 सि‍तंबर 2016 को रैली करने का फैसला लिया है। वहां मेरेे अगलेे मि‍शन की घोषणा की जाएगी। मैं यूपी में विकल्प देने आया हूं।
– आपलोगों को जो भी पर्चि‍यां दी गई हैं उन्‍हें भरकर अपने वि‍चार हमें बताएं जि‍ससे हमें नि‍र्णय लेने में आसानी हो।