Breaking News
(74 रुपये ) 
(74 रुपये ) 

16000 करोड़ की कंपनी 74 रुपये में बेची(74 रुपये ) 

नई दिल्ली. अगर आपसे कोई कहे कि हजारों करोड़ की नेटवर्थ वाला शख्स रातों-रात सड़क पर आ गया तो इस पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होगा. हालांकि, लगभग ऐसा ही वाकया एक समय पर अरबपति रहे BR शेट्टी (बवागुत्थु रघुराम शेट्टी) के साथ हुआ था. शेट्टी की नेटवर्थ 18000 करोड़ रुपये थी. उनके पास बुर्ज खलीफा में 2 पूरे फ्लोर थे. इनकी कीमत 2.5 करोड़ डॉलर थी. प्राइवेट जेट, लग्जरी कार और पाम जुमैरा में प्रॉपर्टी उनके पास सारी लग्जरी थी. फिर 1 ट्वीट ने उनका सारा साम्राज्य ही पलट कर रख दिया.

जैसा हिंडनबर्ग मामले में अडानी समूह के साथ हुआ, BR शेट्टी के मामले में तो इसका कई गुना बड़ा कांड हो गया था. हालत ये हो गई कि उन्हें 2 अरब डॉलर (16,650 करोड़) की वैल्युएशन वाली कंपनी को 1 डॉलर जो उस समय 74 रुपये (74 रुपये )  के बराबर था, में बेचनी पड़ी.

पानी की तरह बहता था पैसा
बीआर शेट्टी के पास दुनिया की सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से एक बुर्ज खलीफा में 2 पूरे फ्लोर थे. यहां वह लग्जरी पार्टियां आयोजित किया करते थे. वह प्राइवेट जेट से दुबई जाया करते थे. उनके पास रॉल्स रॉयस और मेबैक जैसी लग्जरी गाड़ियां थी. उन्हें विंटेज कार भी शौक था. उनकी कार के काफिले में मॉरिस माइनर 1000 भी शामिल थी. शेट्टी के पास पाम जुमैरा और दुबई के वर्ल्ड सेंटर में भी प्रॉपर्टी थी. उनके पास एक प्राइवेट जेट की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी. जिसे उन्होंने एक दूसरे अरबपति से 42 लाख डॉलर में खरीदा था.

एक ट्वीट और सब खत्म
2019 में यूके की मडी वॉटर्स ने उनकी कंपनी को लेकर एक ट्वीट किया. इसके 4 महीने बाद कंपनी ने एक पूरी रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें NMC हेल्थ में फाइनेंस में गड़बड़ियों को लेकर दावे किये गए थे. रिपोर्ट में कहा गया कि एनएमसी हेल्थ कर्ज को कम और कैश फ्लो को ज्यादा कर के बता रही है. एनएमसी हेल्थ बीआर शेट्टी की कंपनी थी. यह यूएई की सबसे बड़ी निजी हेल्थ ऑपरेटर थी. यह कंपनी लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट थी. शेट्टी की बदकिस्मती रही कि यह कंपनी मडी वॉटर्स की नजर में आ गई. कंपनी के वित्त में गड़बड़ के दावों ने शेयरों में बिक्री का सिलसिला शुरू किया और देखते ही देखते शेट्टी परिवार की संपत्ति में 1.5 अरब डॉलर की गिरावट आ गई. आपको बता दें कि मडी वॉटर्स भी ठीक हिंडनबर्ग की तरह ही शॉर्ट सेलर है.
1 डॉलर में बिकी कंपनी
शेयरों की बिक्री ने कंपनी की वैल्यू बिलकुल खत्म कर दी. इसके अलावा कंपनी पर 1 अरब डॉलर के कर्ज का पता चला जिसे रिपोर्ट ही नहीं किया गया था. एक समय पर कंपनी की अधिकतम वैल्यू 10 अरब डॉलर तक पहुंची थी लेकिन एक के बाद एक खुलासों ने ऐसी स्थिति पैदा की कि शेट्टी को यह कंपनी 1 डॉलर में बेचनी पड़ी.