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100 से ज्यादा परमाणु मिसाइल साइलो बना रहा चीन , हुआ खुलासा

चीन अपने उत्तर-पश्चिम इलाके के रेगिस्तान में 119 नए मिसाइल साइलो बना रहा है. चीन के इस चाल की पोल सैटेलाइट तस्वीरों से खुली है. सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में स्पष्ट तौर पर ढेर सारे साइलो दिख रहे हैं. साइलो एक लंबा, गहरा और सिलेंडर जैसा गड्ढा होता है, जिसके अंदर अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को रखा जाता है. जरूरत पड़ने पर इस साइलो का ढक्कन खोलकर, यहीं से मिसाइल को लॉन्च कर दिया जाता है. चीन के परमाणु हथियार कार्यक्रम में यह सबसे बड़ा ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है. व्यावसायिक सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के आधार पर रक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि चीन अपने देश के अंदर 119 अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल के साइलो बना रहा है. ये मिसाइलें अमेरिका तक मार करने की क्षमता रखती हैं. हालांकि किसी को यह नहीं पता है कि इन साइलों में मिसाइल हैं या नहीं. अगर मिसाइल हैं भी तो क्या उनके ऊपर परमाणु हथियार लगे हैं या नहीं.

कैलिफोर्निया के मॉन्टेरी स्थित जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफिरेशन स्टडीज के रिसर्चर्स ने प्लैनेट लैब्स की सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों की जांच की. उसमें चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित यूमेन शहर के रेगिस्तान में ये मिसाइल साइलो देखे गए हैं. ये साइलो एक विंड फार्म के बगल में बनाए गए हैं. प्लैनेट लैब्स के सह-संस्थापक और सीईओ विल मार्शल ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में दो तस्वीरें दिखाई हैं, जिसमें स्पष्ट तौर पर मिसाइलों के साइलो दिख रहे हैं. विल मार्शल ने लिखा है कि चीन रेगिस्तान में 100 से ज्यादा परमाणु मिसाइल साइलो बना रहा है. पिछले साल उसने 100 से ज्यादा उइगर डिटेंशन कैंप बनाए थे, अब ये काम कर रहा है. विल कहते हैं सैटेलाइट तस्वीरों को देखकर लगता है कि इनका निर्माण बहुत ज्यादा तेजी से किया जा रहा है.

यह इलाका जनवरी 2021 में इतना ज्यादा विकसित नहीं हुआ था. लेकिन जून आते-आते यहां पर सैकड़ों साइलो बने हुए दिख रहे हैं. पहले यहां पर सिर्फ रेगिस्तान हुआ करता था. अभी परमाणु मिसाइलों का घर बन रहा है. चीन परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा ताकतवर देश हैं. उसके पास 250 से 350 परमाणु हथियार हैं. जबकि, अमेरिका के पास 5800 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 1373 हमेशा मिसाइलों, बमवर्षकों और पनडुब्बियों में तैनात रहते हैं. वहीं, रूस के पास कुल मिलाकर 6375 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 1326 हमेशा तैनात रहते हैं. चीन के पास 50 से 75 ICBM मिसाइल हैं. चार परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बियां हैं. इन्हें जल्द ही बढ़ाकर 8 से 9 करने की तैयारी चल रही है. चीन के पास H-6 बमवर्षक हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखते हैं. चीन एक अत्याधुनिक बमवर्षक बना रहा है, जिसका नाम है जियान H-20 . ऐसा माना जा रहा है कि इसमें परमाणु बम भी लगाए जाएंगे और परमाणु हथियारों से लैस क्रूज मिसाइलें भी तैनात हो सकेंगी.

आमतौर पर चीन की ICBM मिसाइलें ट्रकों पर लगे लॉन्चर में रहती हैं. ये ट्रक गुफाओं में छिपाए जाते हैं. चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी रॉकेट फोर्स ही लंबी दूरी की मिसाइलों का संचालन करती है. जमीन में बने पुराने साइलो में सिर्फ 18-20 DF-5 ICBM मिसाइल रखे हैं. इसके अलावा रक्षा विशेषज्ञों ने चीन के उत्तर मध्य में स्थित एक खेत में 16 साइलो देखे हैं. चीन ने पहले ही यह बात स्पष्ट कर दी है कि वो इन हथियारों को लेकर किसी तरह के अंतरराष्ट्रीय दबावों में नहीं आएगा. चीन परमाणु हथियारों को लेकर सबसे पहले उपयोग करने की नीति पर भरोसा करता है. वॉशिंगटन पोस्ट अखबार ने अपनी खबर में लिखा है कि चीन अपने परमाणु हथियारों में इजाफा कर रहा है. चीन में करीब 145 मिसाइल साइलो बनते हुए दिख रहे हैं. ये साइलो चीन के सिल्क रूट पर स्थित प्राचीन यूमेन शहर में बन रहे हैं. यहां पर करीब 1.70 लाख लोग रहते हैं. हर साइलो के बीच में करीब 3.21 किलोमीटर की दूरी है.

चीन के पास मौजूद सबसे ताकतवर परमाणु ICBM मिसाइल है DF-5. इसकी रेंज करीब 15,000 किलोमीटर है. यानी इसकी जद में अमेरिका के कई शहर आते हैं. वॉशिंगटन पोस्ट ने जब अमेरिका में स्थित चीन के दूतावास और चीनी विदेश मंत्रालय बीजिंग को ईमेल और फैक्स के जरिए इन साइलो पर प्रतिक्रिया मांगी तो चीन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. रक्षा एक्सपर्ट्स को लगता है कि अमेरिका और रूस की तरह चीन अपनी परमाणु क्षमता नहीं बढ़ा रहा है. लेकिन वह सीमित दायरे में अपनी ताकत को इतना जरूर करना चाहता है कि परमाणु हमले की स्थिति में माकूल जवाब दे सके. इसलिए चीन अपने परमाणु हथियारों से लैस मिसाइलों के लिए साइलो का निर्माण कर रहा है.