Breaking News

हैदराबाद में क्यों लगानी पड़ी वाटर इमरजेंसी: देश की 25% आबादी सूखे से बेहाल

नई दिल्ली. देश में गर्मी और सूखे के कारण हालात बदतर हैं। 33 करोड़ लोगों (करीब 25% आबादी) पर सूखे की मार पड़ी है। 14 राज्यों में टेम्परेचर 40 डिग्री से ज्यादा है। हैदराबाद शहर के चार रिजरवॉयर 30 साल बाद पहली बार सूखे हैं। इसके कारण वाटर इमरजेंसी लग गई है। वहीं, महाराष्ट्र के बीड में 12 साल की बच्ची की गर्मी के कारण मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यहां 42 डिग्री टेम्पेचर में वह हैंडपंप चला रही थी। उसी दौरान हार्ट अटैक आ गया। सूखे की चपेट में दस राज्य, सरकार उठा रही है ये कदम…
– केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भारत में सूखे के कारण 10 राज्यों के 254 जिलों में करीब 33 करोड़ लोग परेशान हैं।
– अकेले उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ लोग परेशानी में हैं।
– यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं।
– सूखाग्रस्त 10 राज्यों की हालत को सुधारने के लिए मनरेगा के तहत तय 38,500 करोड़ रुपए में से करीब 19,555 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
– किसानों को राहत देने के लिए कहा गया है कि बैंक किसानों पर नरमी बरतेंगे।
इन 14 राज्यों में टेम्परेचर 40 डिग्री से ज्यादा
– गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, यूपी, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कई इलाकों में टेम्परेचर 40 डिग्री से ज्यादा है।
– वेदर डिपार्टमेंट अल नीनो और ग्लोबल वाॅर्मिंग को इसकी वजह बता रहा है। दो साल से कम बारिश के कारण भी गर्मी ज्यादा पड़ रही है।
– मौसम विभाग के मुताबिक, यह अप्रैल पिछले पांच साल में सबसे गर्म है। ये तो शुरुआत है, गर्मी अभी और बढ़ेगी। बढ़ती गर्मी का असर बाकी राज्यों में भी होने वाला है।
दुनियाभर में बदले मौसम के तेवर, मौसम से सब परेशान
– बाढ़, तूफान, बर्फीली ठंड और गर्मी से पूरी दुनिया बेहाल है। अमेरिका भारी बारिश, बाढ़ और बर्फीले तूफान की चपेट में है।
– वहीं, ब्रिटेन में इस मौसम में बर्फबारी ने सभी को चौंका दिया है। एशिया में अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बारिश की वजह से इस महीने 150 लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
मार्च की गर्मी ने तोड़ा 100 साल का रिकॉर्ड, 1.070 ज्यादा गर्म
– धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। इसका एक और सबूत इस साल मार्च का महीना रहा है।
– जापान के वेदर डिपार्टमेंट ने इसे लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है।
– इसके मुताबिक, मार्च-2016 में पिछले 100 साल के मार्च के औसत से 1.07 डिग्री ज्यादा तापमान रहा।
नासा की रिपोर्ट: फरवरी और भी ज्यादा गर्म रहा
– नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मार्च पिछले 66 साल के मुकाबले 1.28 डिग्री ज्यादा गर्म रहा।
– फरवरी के टेम्परेचर का अंतर मार्च से भी अधिक रहा।
– नासा ने यह अंतर 1.34 डिग्री बताया।
क्या है चेतावनी?
– मौसम पर काम करने वाले रिसर्चर्स का कहना है कि क्लाइमेट चेंज को रोकने के लिए सख्त नियम नहीं बनाए गए तो पूरी दुनिया को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
– 2016 सबसे गर्म साल हो सकता है। 1980 के तापमान के रिकॉर्ड के मुताबिक, 2015 में औसत तापमान 0.90 डिग्री ज्यादा था।