Breaking News

हाईकोर्ट ने पूछा- चंडीगढ़, एमपी, जालंधर जैसे शब्दों पर आपत्ति क्यों: उड़ता पंजाब कंट्रोवर्सी

मुंबई/नई दिल्ली। फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को सेंसर बोर्ड ने ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया है और उसमें पंजाब, जालंधर शहरों के नाम, एमपी, विधानसभा जैसे शब्दों व गालियों को भी काटने के निर्देश दिए हैं। पंजाब में युवाओं में नशे पर आधारित इस फिल्म का विवाद वीरवार को बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा तो सेंसर बोर्ड ने यह जानकारी दी।
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी के फिल्म में 81 कट के निर्देश दिए जाने की बात हाईकाेर्ट को बताई। इस पर कोर्ट ने पूछा-ए सर्टिफिकेट दिया है तो गालियों से आपत्ति क्यों है, इसका कारण बताएं। सुनवाई शुक्रवार को भी होगी। उधर, इस मामले में ट्रिब्यूनल भी 17 जून को सुनवाई करेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी ने कहा कि इससे पहले ‘गो गोवा गाॅन’ फिल्म में भी गोवा को ड्रग्स और पार्टी प्लेस के रूप में दिखाया गया था। यदि गोवा को ऐसे रूप में दिखा सकते हैं तो फिर पंजाब को क्यों नहीं। गौरतलब है कि फिल्म से 89 कट और पंजाब नाम हटाने को लेकर कंट्रोवर्सी हो गई है।
पटियाला में हिंदू सुरक्षा समिति ने फिल्म के पोस्टर जलाए
वीरवार को हिंदू सुरक्षा समिति ने उड़ता पंजाब फिल्म के पोस्टर जलाए। फिल्म नहीं चलने देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि फिल्म में नौजवानों की छवि गलत दिखाई गई है।
पंजाब के शहरों के नाम, चुनाव पर चलेगी कैंची
इसमें प्रमुख रूप से फिल्म की शुरूआत में पंजाब का जो बोर्ड दिखाया गया है उसे हटाने के लिए कहा है। साथ ही पंजाब, जालंधर, चंडीगढ़, अमृतसर, तरनतारन, लुधियाना और मोगा का नाम जहां-जहां भी फिल्म के बैकग्राउंड में और डायलॉग में आया है, उसे डिलीट करने के लिए कहा गया है। फिल्म के एक गाने से चिट्टा वे और जहां-जहां गाली दी गई है, उस पर सेंसर ने कैंची चलाई है। फिल्म से पंजाब, पाॅर्लियामेंट, एमपी, चुनाव आदि शब्दों को भी हटाने के लिए कहा गया है। एक गाने में सरदार के आपत्तिजनक रूप से खुजलाने के सीन को भी हटाने को कहा गया है।
ड्रग्स लेने के क्लोजअप सीन हटाए गए
फिल्म में ड्रग्स लेने के क्लोजअप शॉट्स को भी हटाया गया है। एक सीन में टॉमी (शाहिद) को भीड़ में पेशाब करते हुए दिखाया गया है। इस सीन को हटाने के निर्देश के अलावा फिल्म में एक डायलॉग ‘जमीन बंजर… औलाद कंजर’ पर भी कट लगाया गया है। कुत्ते का नाम जैकी चैन होने पर भी एतराज है।
सेंसर बोर्ड सही: रखड़ा
सेंसर बोर्ड ने जो भी कार्रवाई की है, वह बिलकुल उचित है। क्योंकि सेंसर बोर्ड का गठन ही इसलिए किया गया है कि वह फिल्म देखने के बाद ऐसे सीन हटा दे, जिससे समाज पर बुरा प्रभाव न पड़े। इस फिल्म के जरिए हमारे पंजाब की तस्वीर को बाहर गलत दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।