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समझदार पुरुष वही है जो ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करता है- चाणक्य नीति

पुराने समय में चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के आचार्य थे। अर्थशास्त्र के साथ ही राजनीति और कूटनीति में भी आचार्य पारंगत थे। अपनी कूट नीतियों के दम पर ही चाणक्य ने विदेशी शासक सिंकदर को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। साथ ही, एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य बनाया। चाणक्य ने नीति शास्त्र की रचना भी की थी, जिसमें बताया गया है कि जीवन को सुखी और श्रेष्ठ बनाए रखने के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। यहां जानिए चाणक्य की ऐसी ही एक नीति, जिसमें बताया है कि कैसी स्त्री से विवाह करना चाहिए और कैसी स्त्री से नहीं…
नीति श्लोक
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।