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लल्लू जी एंड संस और मेला प्रशासन में हुआ समझौता

प्रयागराज । देश की सबसे बड़ी तम्बू लगाने वाली संस्था एवं विश्व की जानी मानी फर्म लल्लू जी एंड संस और कुंभ मेला प्रशासन में विवादित बिल को लेकर समझौता हो गया है। यह समझौता तीन दिन पहले हुआ है। इसके तहत लल्लू जी एंड संस ने विवादित बिल को लेकर अपना पक्ष वापस ले लिया है। वह अब कुंभ मेले के कार्यों के बकाया बिल का भुगतान मेला प्रशासन से नहीं लेगा। इससे मेला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि वर्ष 2018-19 कुंभ मेले के दौरान कुछ बिलों के भुगतान को लेकर लल्लू जी एंड संस से लिखा-पढ़ी का विवाद हो गया था। इससे संस्था को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उस पर कानूनी कार्रवाई की गई थी। लल्लू जी एंड संस ने विवादित बिल को छोड़ते हुए अपना वाद वापस ले लिया है। इससे लल्लू जी एंड संस को ब्लैक लिस्ट किया गया था, उससे छूट देते हुए पूर्ववत की तरह कार्यों को करने की छूट दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अब लल्लू जी एंड संस पूर्व की तरह माघ मेला, कुंभ मेला और अर्ध कुंभ मेला में शिविर लगाने के लिए कार्य कर सकती है।
उधर, लल्लू जी एंड संस के विश्वनाथ मिश्रा का कहना है कि कुंभ मेला 2018-19 के दौरान कुछ बिल को लेकर मेला प्रशासन से सामंजस्य नहीं बैठा था जिसको देखते हुए मेला प्रशासन और कम्पनी के बीच थोड़ा विवाद हो गया था। इस मामले को आपसी समझौते के तहत निस्तारित कर दिया गया है। दोनों पक्षों ने अपना वाद वापस ले लिया है। ऐसे में अब लल्लू जी एंड संस माघ मेला, अर्ध कुंभ मेला और कुंभ मेले में पहले की तरह पूर्ववत कार्य करती रहेगी। करीब 50 वर्ष से लल्लू जी एंड संस माघ मेला, अर्धकुंभ मेला और कुंभ मेला प्रयागराज, हरिद्वार कुंभ, नासिक कुंभ और उज्जैन कुंभ सहित देश में बड़े आयोजनों के लिए तम्बू-कनात फर्नीचर सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराती थी। उन्होंने बताया कि लल्लू जी एंड संस के देश में एक लाख से ज्यादा वर्कर्स काम करते हैं।