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पेपर लीक

राजस्थान में परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक !!

राजस्थान। राजस्थान में रीट पेपर लीक मामले में राज्य सरकार ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया है। पेपर लीक गिरोह से जुड़े 38 से ज्यादा आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। राजस्थान में रीट परीक्षा का आयोजन शिक्षक भर्ती के लिए किया जाता है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में देश के कई राज्यों से प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले आए हैं।

बीते सितंबर में जयपुर में मेडिकल प्रवेश परीक्षा-नीट 2021 के प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आया था। इससे पहले अगस्त माह में हरियाणा में आयोजित पुलिस कांस्टेबल प्रतियोगी परीक्षा को पेपर लीक होने पर रद किया गया था। परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक कर दिया गया था। अगस्त में ही मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (पीईबी) ने जांच में प्रश्न पत्र लीक होने के बाद तीन परीक्षाओं को रद कर दिया था। इस तरह की घटनाओं से पता चलता है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पत्र आउट होने की समस्या गंभीर हो गई है। इससे मेहनती अभ्यर्थियों और भर्ती प्रक्रिया दोनों को बड़ा नुकसान हो रहा है।

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परीक्षा की पारदर्शिता और गोपनीयता को ठेंगा

साफ है नकल गिरोह परीक्षा की पारदर्शिता और गोपनीयता को ठेंगा दिखा रहे हैं। बढ़ती तकनीक का इसमें बड़ा योगदान है। नकल गिरोह द्वारा वाट्सएप और टेलीग्राम आदि के माध्यम से परीक्षा से पहले ही पेपर आउट कर दिया जाता है या फिर वे ब्लूट्रूथ, वाट्सएप, स्कैनर से नकल कराकर या फर्जी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास करवाते हैं। इसके लिए हाईटेक डिवाइस उपयोग में लाते हैं, जो बहुत छोटी सी होती है। उसे कमीज के बटन, कान, पेन, नाखून, दांत आदि में आसानी में लगाई जा सकती है। कई दफा परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल के भी प्रकरण सामने आ चुके हैं। इस तरह चंद नकलचियों के कारण बरसों मेहनत कर अपने करियर की राह संवारने वाले लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाता है। अगर दो बच्चे भी नकल करते हैं तो वे पूरी मेरिट को प्रभावित करते हैं।

सोचना होगा कि क्या यह मेहनतकश बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है? तमाम व्यवस्थाओं और पुख्ता बंदोबस्त के दावों के बीच परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक क्यों हो रहे हैं? गौरतलब यह भी है कि नकल गिरोह के पकड़ में आने के बाद भी आसानी से जमानत हो जाती है।ऐसे में जरूरी है कि एक देशव्यापी सख्त कानून बनना चाहिए, क्योंकि किसी भी परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट होने से तैयारी करने वाले लाखों मेहनतकश अभ्यर्थियों के साथ ही उनके परिजन भी मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित होते हैं।