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नोएडा / संयुक्त राष्ट्र का अफसर बताकर रौब झाड़ने वाली फर्जी आईएफएस जोया पति के साथ गिरफ्तार

नई दिल्ली.  सिविल सर्विसेज की परीक्षा में फेल होने वाली एक महिला रौब दिखाने के लिए खुद को आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी बताने लगी। वह खुद को यूनाइटेड नेशंस की सिक्योरिटी काउंसिल का न्यूक्लियर पॉलिसी अधिकारी बताती थी। यही नहीं उसने मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव के पुलिस अधिकारियों से खुद को विदेश मंत्रालय का संयुक्त सचिव बताकर पुलिस सुरक्षा भी ले ली थी। लेकिन उसका भंडाफोड़ हो गया।

हाल में ही जालसाज जोया खान ने ग्रेटर नोएडा में रहते हुए अपनी कार में तोड़फोड़ होने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कार्रवाई में तेजी लाने के लिए उसने कुछ पुलिस अधिकारियों को फटकार भी लगा दी। इसके बाद फर्जी आईएफएस जोया ने एक फर्जी ईमेल से सुरक्षा के लिए एसएसपी वैभव कृष्ण को मैसेज भेजा।

यूनाइटेड नेशंस के ईमेल को देखकर शक होने पर एसएसपी ने जांच कराई। जांच के बाद पता चला कि इसे भारत में ही जालसाज महिला के लैपटॉप की आईपी से बनाया गया। इसी से फर्जीवाड़े का पता चल गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जोया के पास से फर्जी आईडी कार्ड, नीली बत्ती, लाइटर गन, वॉकी-टॉकी और लग्जरी कार समेत कई सामान बरामद हुए हैं।

पुलिस अधिकारियों से बोलकर कई नामी स्कूलों में एडमिशन भी कराए 
जोया पिछले ढाई साल से कई शहरों में जाकर खुद को 2007 बैच का आईएफएस अधिकारी बताती थी। वह कहती थी कि वह यूनाइटेड नेशंस में तैनात रही है। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी बता देती थी। उसने अपनी गाड़ी पर संयुक्त राष्ट्र का लोगो भी बनवा रखा था।

ऐसे में कोई भी उसे आसानी से अधिकारी समझ लेता था। जोया अपनी रिश्तेदारी और मेरठ में रहने वाले पिता के आसपास के लोगों को भी अपने रसूख के बारे में बताती थी। इसीलिए कोई अपने बच्चों के बड़े स्कूल में एडमिशन कराने के लिए कहता था तो वहां के डीएम या एसएसपी को फोन कराकर दाखिला करा देती थी।

रुतबा दिखाने के लिए शुरू किया था फर्जीवाड़ा

पकड़ी गई फर्जी आईएफएस अधिकारी जोया खान है। उसके पति हर्ष प्रताप को भी अरेस्ट किया गया। दोनों सिविल सर्विसेज की तैयारी कर चुके हैं और पीसीएस व यूपीएससी किसी भी परीक्षा में सफल नहीं हुए थे। जोया के पिता मेरठ के नामी डॉक्टर हैं।

वहीं, हर्ष प्रताप बैंक में पीओ रह चुका है। 2013 में दोनों ने लव मैरिज की थी। इसके बाद भी परीक्षा की तैयारी करते रहे लेकिन सफल नहीं हुए। दोनों ने सरकारी अधिकारियों वाला रुतबा बनाए रखने के लिए फर्जी आईएफएस अधिकारी बनकर आईडी कार्ड, ईमेल आईडी और वॉकी-टॉकी खरीद लिए। इसके बाद मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और गुड़गांव में समय-समय पर जाकर वहां पुलिस से सुरक्षा लेकर सफर करते थे।

वॉयस कनवर्टर ऐप से खुद ही बन जाती थी अपनी पीए  
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि जोया ने अपने मोबाइल फोन में वॉयस कनवर्टर सॉफ्टवेयर अपलोड किया था। इसकी मदद से अपनी आवाज को पुरुष की आवाज में बदलकर किसी अधिकारी को फोन कर देती थी। उस दौरान बताती थी कि वह यूएन की अधिकारी जोया खान का पीए अनिल शर्मा बोल रहा है। इसके बाद उनकी सिक्योरिटी के लिए पुलिस एस्कॉर्ट्स दिए जाने की बात कहकर जोया से बात भी करा देता था। इस तरह से पुलिस एस्कॉर्ट लेकर ही जोया कहीं भी आती-जाती थी।

ईमेल आईडी की जांच से खुल गई पोल

एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि जोया ने पुलिस एस्कॉर्ट्स के लिए securitychief@unitednationssecuritycouncil.org नाम वाले ईमेल से मैसेज भेजा था। इसके बाद 30 मार्च को जोया एसएसपी से मिलने उनके ऑफिस भी पहुंच गई। उसके हाव-भाव और बातचीत के तरीके को देखकर एसएसपी को शक हुआ। उन्होंने जोया की तरफ से भेजे ईमेल की साइबर एक्सपर्ट टीम से जांच कराई। पता चला कि यूएन की असली वेबसाइट सिर्फ www.un.org है। इसी तरह कोई ईमेल आईडी भी support@un.org के नाम या इससे मिलते-जुलते नाम से है।

ऐसे में फर्जी ईमेल आईडी को लेकर पुख्ता जानकारी के लिए डोमेन नेम की जांच कराई गई। पता चला कि जोया ने खुद अपने लैपटॉप से और बैंक अकाउंट से यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल डॉट ओआरजी नाम की वेबसाइट का नाम खरीदकर उससे ईमेल बनाया था। इसके बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर जोया और उसके पति से पूछताछ की तो पूरी असलियत सामने आ गई।