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जिलाधिकारी ने फसल अवशेष प्रबन्धन के जागरूकता वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

कानपुर देहात। जिलाधिकारी ने फसल अवशेष प्रबन्धन के जागरूकता वाहनों को सोमवार को हरी झण्डी दिखाकर जनपद के समस्त तहसीलों के रवाना किया। यह सभी वाहन किसानों को खेतों में पराली जलाने से होने वाले नुकसान की जानकारी देंगे।

बदलते समय के साथ जिस तरह सब हाईटेक हो रहा है तो किसान भी अपने खेतों में पराली को जलाने का कार्य शुरू कर दिया है। पहले किसान इसका उपयोग जानवरों को खिलाने में भी कर लेते थे पर आज इसको जला दिया जाता है। इसको लेकर जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सोमवार को जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस मौके पर उप निदेशक कृषि विनोद कुमार यादव ने बताया कि पौधों के बढ़वार के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता हाती है। जिसमें कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन प्रकृति से प्राप्त होता है ये तत्व पौधों के लगभग 95 प्रतिशत भाग के निर्माण में सहायक है। उक्त के अतिरिक्त नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्रीशियम, सल्फर तथा सूक्ष्म पोषक तत्व के रूप में लोहा, जिंक, आयरन, बोरॉन, मालिब्डेनम, कॉपर, क्लोरीन तत्व पौधों के बढ़वारन एवं उत्पादन में सहायक होते है।

उन्होंने बताया कि मा0 राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेश के क्रम में पर्यावरणीय के लिए कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 2500 हजार रूपये प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से अधिक 05 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड 05 हजार रूपये प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 05 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड 15 हजार रूपये प्रति घटना, अतिरिक्त फसल अवशेष जलाने की घटना में दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कराते हुए गिरफ्तार किये जाने का भी प्राविधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में जागरूकता वाहन जनपद के गांवों में जाकर लोगों को जानकारी उपलब्ध करायेंगे। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि यह जागरूकता वाहन के माध्यम से जनपद के प्रत्येक गांव अवश्य पहुंचकर लोगों को फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करायें। इस मौके पर अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।