Breaking News
कॉफी बोर्ड में निर्णय

छत्तीसगढ़ चाय-कॉफी बोर्ड की बैठक में निर्णय;

रायपुर। अब दिल्ली और रायपुर में भी लोग बस्तरिया कॉफी का लुत्फ उठा सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी हैं। राज्य सरकार की ओर से रायपुर और दिल्ली में बस्तर कैफे खोले जाएंगे। छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित बस्तर क्षेत्र में प्रसिद्ध कॉफी की बिक्री-सह-विपणन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की जा रही है। बता दें कि 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीएम भूपेश बघेल को इसे लेकर सुझाव दिया था। अब बघेल सरकार ने इस पर अमल करना शुरू कर दिया हे।

योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप- ओम प्रकाश !!

मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि बस्तर में उत्पादित कॉफी की मार्केटिंग निजी में बस्तर का नाम अनिवार्य होगा, इसके लिए कंपनियों से शर्त रखी गई है। कॉफी के उत्पादन के लिए डीएमएफ फंड से मशीन भी लगाने की बात कही गई है। इसके अलावा अति संवेदनशील सुकमा जिले में भी कॉफी की खेती के लिए जमीन चिह्नांकित की जा रही है। बता दें कि दरभा में 20 एकड़ में कॉफी प्लांटेशन से कॉफी का उत्पादन हो रहा है। पहली बार में 8 क्विंटल कॉफी का उत्पादन हुआ। जगदलपुर के बस्तर कैफे में दो किलो कॉफी की खपत हो रही है। उत्पादित कॉफी की मार्केटिंग के लिए अलग अलग शहरों में तीन और कैफे शुरू किए जाएंगे। जिसके तहत रायपुर और दिल्ली में एक-एक कैफे शुरू होंगे।

कॉफी की खेती को बढ़ावा दिया

कॉफी बस्तर कैफे राज्य में अभी जगदलपुर में ही मौजूद हैं। राज्य के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवींद्र चौबे की अध्यक्षता में हुई छत्तीसगढ़ चाय-कॉफी बोर्ड की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। इस बीच मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को सर्वे कर प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि कॉफी की खेती को बढ़ावा दिया जा सके। बस्तर में उत्पादित कॉफी की मार्केटिंग के लिए प्राइवेट कंपनियों के साथ एमओयू किया गया है। बस्तर में उत्पादित कॉफी के विक्रय सह-मार्केटिंग के लिए रायपुर और नई दिल्ली में बस्तर कैफे शुरू किए जाएंगे। बस्तर दरभा क्षेत्र में 20 एकड़ भूमि में किए गए कॉफी बागान से उत्पादन शुरू कर दिया गया हैं। पहले चरण में आठ क्विंटल कॉफी की कटाई की गई है।