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कोरोना की तीसरी लहर के बीच संकट बढ़ा सकती है हड़ताल

कानपुर। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के दसवें दिन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे देने की चेतावनी दी है। उन्होंने नीट पीजी 2021 के रिजल्ट और एडमिशन प्रक्रिया को जल्द कराने संबंधी मांगों को दोहराते हुए कहा है कि दूसरे चरण की हड़ताल के बाद भी मांगों को लेकर न तो सरकार कुछ कर रही है और नाही सुप्रीम कोर्ट। पिछले एक महीने से चल रही हड़ताल में सरकार की तरफ से कोई भी सकारात्मक संकेत नहीं दिखे है। इसी लिए हम लोग सामूहिक इस्तीफे देने की तैयारी कर रहे है।
जीएसवीएम के जेआर ने बताया,फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने सामूहिक इस्तीफा देने की तैयारी की है। दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बाहर पिछले पांच दिनों से प्रदर्शन चल रहा है। दूसरी तरफ कोरोना की तीसरी लहर के आने के संकेत भी मिल रहे है। इसे देखते हुए इतनी कम संख्या में जूनियर डॉक्टरों से कैसे अस्पताल चलेंगे। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी हम लोगों ने कम संख्या के साथ काम किया,लेकिन तीसरी लहर में यह संख्या तो और कम हो गयी है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार को निर्णय लेने की जरूरत है।
ओपीडी और सर्जरी भी प्रभावित
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हैलट में ऑर्थोपेडिक सर्जरी और सर्जरी ओटी रोजाना प्रभावित हो रहे है। इमरजेंसी में कुछ ऑपरेशन हो रहे हैं मगर प्लान वाले गिने-चुने ही चल रहे हैं। प्राचार्य प्रो संजय काला ने बताया,हम लोग जेआर को समझाने की कोशिश कर रहे है लेकिन वह लोग अपनी मांगों को लहर अड़े हुए है। उनको समझाने के लिए अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के सीनियर फैकल्टी को भी लगाया गया है।