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ओलिंपिक के लिए असली दावेदार कौन, क्या है CONTROVERSY? सुशील v/s नरसिंह

स्पोर्ट्स डेस्क.पहलवान सुशील कुमार ने भले ही रियो के दंगल में पीएम मोदी समेत खेल मंत्रालय को घसीटा हो, लेकिन उनका ये दांव अब बेकार होता दिखाई दे रहा है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस बात को साफ कर दिया है कि वे परंपरा के मुताबिक ही टीम को भेजेंगे। यानी मामला साफ है। अब तक का ट्रेडिशन यही कहता है कि जिसने कोटा लिया है, वही उसका पहला हकदार है। नरसिंह ने 74kg में लास वेगास में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में देश को ओलिंपिक कोटा दिलाया था। क्यों है विवाद…
– दरअसल, नरसिंह पहले ही रियो ओलिपिंक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं।
– जब क्वालिफाइंग चैम्पियनशिप हुई थी, तब सुशील कुमार बीमार थे। अब वे फिट हैं।
– सुशील का कहना है कि उनका पिछला परफॉर्मेँस देखते हुए उन्हें ही ओलिंपिक के लिए चुना जाना चाहिए।
– वहीं, नरसिंह का कहना है कि वे भी सुशील से कम नहीं हैं। उन्होंने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। लिहाजा, पहला हक उन्हीं का है।
WFI के प्रेसिडेंट ने क्या कहा
– फेडरेशन के प्रेसिडेंट और सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने vicharsuchak.com से कहा, ”अब मामला हमारे हाथ में नहीं है। हम परंपरा के मुताबिक ही चलेंगे। सुशील अच्छे पहलवान हैं लेकिन जिस तरह का बर्ताव वे कर रहे हैं वो सही नहीं है।”
– ”उन्होंने खेल मंत्रालय द्वारा इस मामले में दखल देने से इंकार करने के बाद ही पीएमओ और गृह मंत्रालय में को लेटर लिखा है।”
– ”ये गलत है। वे जब भी मुझे इस बारे में बात करेंगे तो मैं अपने फेडरेशन की ओर से साफ तौर पर यही बात रखूंगा।”
इसलिए नहीं करा सकते ट्रायल
– सिंह ने कहा- ”अगर कोटा हासिल करने वाला पहलवान अनफिट होता तो इस बारे में सोचा जा सकता था।”
– ”नरसिंह फिट हैं और उन्होंने खुद को साबित भी किया है। लास वेगास में कड़ा मुकाबला था, लेकिन वे जीते।”
– ”मेरे पास 57 किलोग्राम वर्ग के पहलवान राहुल अवारे का भी दोबारा ट्रायल कराने का लेटर आया है।”
– ”अगर हम सुशील के ट्रायल कराते हैं तो नरसिंह के साथ नाइंसाफी होगी। बाकी पहलवान भी ट्रायल के लिए कहेंगे।”
साथी भी सुशील के खिलाफ
– रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले सुशील के साथ पहलवान भी नहीं चाहते कि ट्रायल हों।
– उनके एक साथी ने नाम बताने की शर्त पर बताया कि ये गलत है। सुशील ऐसी मांग नहीं कर सकते।
– जिसने कोटा हासिल किया है उसे ही रियो जाना चाहिए और फेडरेशन इस मामले में उसी के साथ रहे तभी बेहतर होगा।
– हरियाणा के एक और इंटरनेशनल पहलवान ने कहा कि सुशील की मांग पूरी तरह से गलत है।
– सुशील एक बड़े पहलवान हैं लेकिन पिछले मेडल के आधार पर अगले रियो का टिकट पक्का नहीं समझा जा सकता।
– नरसिंह इसी वेट कैटेगरी में खेले हैं और वे इस कैटेगरी में सुशील से बेहतर पहलवान हैं।
सुशील कुमार ने कहा- पहले क्यों तोड़ी थी परंपरा
– सुशील ने ट्वीट किया कि फेडरेशन आज परंपरा की बात कर रही है। तब परंपरा कहां गई थी जब 1996 में काका पवार और पप्पू यादव के बीच ट्रायल कराए गए थे।
– सुशील ने इस ट्वीट को रेसलिंग फेडरेशन के अलावा पीएम मोदी और सोनोवाल को भी लिंक किया। उन्होंने दूसरा ट्वीट किया कि मेरे दो ओलिंपिक मेडल्स को कैसे भुलाया जा सकता है।
– ”मैंने देश के लिए वर्ल्ड चैंपियन की बेल्ट और कई मेडल जीते। मैं सिर्फ एक मेडल की मांग कर रहा हूं, जो अच्छा खेले वही ओलिंपिक जाए।”
– उन्होंने पीएम मोदी और लोगों से मांग करते हुए फेसबुक पर एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें लोगों का सहयोग मांगा।
– उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना चाहता हूं की सबसे अच्छा खिलाड़ी देश के लिए खेलने जाए।