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ओमिक्रॉन वैरिएंट: जिम्बाब्वे से लौटे जामनगर के 72 साल के बुजुर्ग में ओमिक्रॉन की पुष्टि

देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले सामने आने लगे हैं। कर्नाटक में दो केस सामने आने के बाद अब गुजरात के जामनगर में एक शख्स इस वायरस से संक्रमित पाया गया है। जिम्बाब्वे से लौटने के बाद गुजरात के जामनगर शहर में 72 वर्षीय व्यक्ति कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी। गुरुवार को कोविड-19 टेस्ट के बाद बुजुर्ग व्यक्ति का नमूना जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जय प्रकाश शिवहरे ने पुष्टि की कि यह व्यक्ति ओमिक्रॉन स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया है। इससे पहले कर्नाटक में दो व्यक्ति ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन  द्वारा ओमिक्रॉन स्ट्रेन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न के रूप में चिह्नित किया गया है।

अब तक कुल तीन मामले
इस नए मामले को मिलाकर अब तक देश में इस वैरिएंट के तीन मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले दो मामले कर्नाटक में सामने आए थे। इनमें एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है और दूसरा स्थानीय स्वास्थ्यकर्मी। सरकार ने बताया था कि दोनों मरीजों को चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है, लेकिन इस दावे के कुछ देर बाद बेंगलुरु महानगर पालिका ने बयान जारी किया था कि 20 नवंबर को आया 66 वर्षीय मरीज 27 नवंबर को ही देश से जा चुका है। इसके संपर्क में कुल 266 लोग आए थे, जबकि इनमें से किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई।इसके अलावा दूसरा शख्स एक 46 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी है, जिसका कोई यात्रा इतिहास नहीं है। इनके संपर्क में आए पांच लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। सभी हल्के लक्षण दिखाई दिए हैं और सभी निगरानी में हैं।

देश में ओमिक्रॉन की स्थिति –
कर्नाटक पहुंचे 66 और 46 साल के दो व्यक्तियों में दो दिसंबर को कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई।देश के 30 से अधिक हवाई अड्डों को इंडियन सार्स-कोव2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (इन्साकॉग) की लैब से जोड़ दिया गया है। हवाई अड्डों पर ही जांच के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान दिया जा रहा है। जिन देशों में आवश्यक समूह का टीकाकरण पूरा नहीं हुआ है, वहां यह स्वरूप तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन भारत में अब तक 125 करोड़ से अधिक लोगों को टीके लग चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर देश के एयरपोर्ट और बंदरगाह अधिकारियों के साथ बैठक की ताकि देश में प्रवेश के रास्तों पर वायरस की निगरानी की जा सके।