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इंसाफ के लिए तड़प रही है एक मां, इस बेटी की मौत अब तक MYSTERY

लखनऊ. पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बहू सारा की मौत का राज एक साल बाद भी अनसुलझी गुत्‍थी ही है। इस मर्डर केस जांच इस समय सीबीआई कर रही है। लेकिन, उसकी तफ्तीश कहां तक पहुंची और उसने अब तक क्या सुबूत जुटाए? इस बारे में परिवारीजनों को कुछ नहीं बताया गया। सारा की मां सीमा सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा बयां की और दुख जताया कि उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला। पति ने कहा- सड़क हादसे में हुई मौत, उठे ये सवाल…
– सारा की मौत सिरसागंज में 9 जुलाई 2015 को हुई थी, जब वह अपने पति अमनमणि (पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का बेटा) के साथ कार से लखनऊ से दिल्ली जा रही थी।
– अमनमणि ने सारा के घर वालों को बताया था कि उसकी मौत सड़क हादसे में हुई है।
– लेकिन, सारा की मां सीमा सिंह, बहन नीति और भाई सिद्धार्थ ने हत्या का आरोप लगाया था।
– उन्होनें कई सवाल उठाते हुए अमनमणि को कठघरे में खड़ा कर दिया था।
– इसके बाद ही इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।
– बेटी को न्याय दिलाने के लिए सीमा सिंह ने काफी भागदौड़ की थी।
– इसका नतीजा रहा था कि अक्टूबर में प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।

सीबीआई ने कुछ दिन ही तेजी दिखाई

– सीबीआई ने दो महीने में कई लोगों के बयान लिए। फोरेंसिक रिपोर्ट का पूरा अध्ययन किया, फिर जेल में बंद रहे अमनमणि से पूछताछ की। लेकिन, उसके बाद रफ्तार सुस्त पड़ गई।

मौत से जुड़े अनसुलझे सवाल

– सारा के सिर्फ सिर व सीने में चोट आई थी। बाकी कहीं पर खरोंच तक के निशान क्यों नहीं मिले शरीर में। जबकि, कार के पलटने और शीशा खुले होने के कारण शरीर पर कई जगह खरोंच के निशान होने चाहिए थे।
– सारा का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से क्यों नहीं करवाया गया, जबकि शाम तक फिरोजाबाद पुलिस को पता चल चुका था कि वह पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बहू है। फिर ऐसे हाईप्रोफाइल मामले में बिना वीडियोग्राफी के सिर्फ एक डॉक्टर से ही पोस्टमार्टम कराया गया।
– कार के पलटने के बाद वहां पहुंचे वह लोग कौन थे जो तुरंंत ही अमनमणि को पहचान गए और फिर उनकी घायल बेटी को लेकर अस्पताल गए। इस बारे में कोई कुछ पता नहीं कर पा रहा।
– सारा को इतनी गहरी चोट आई और अमनमणि को खरोंच तक नहीं आई। ऐसा कैसे संंभव है। इतना ही नहीं अमनमणि के कपड़े पर खून के निशान तक नहीं थे। जबकि, अमनमणि ने कहा था कि उसने भी सारा को अस्पताल ले जाने तक उठाया था।
बहन बोली-न्याय जल्दी मिले
बहन नीति मिश्र ने सोशल मीडिया पर कहा कि उनकी बहन की मौत को एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक केस वहीं का वहीं है। उनकी मां को इस न्याय की लड़ाई के लिए बहुत संघर्ष कर रही हैं। हर कदम पर विरोधियों की साजिशों को ङोलना पड़ रहा है। हम लोग सारा को न्याय दिलाकर ही रहेंगे।