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मायावती

हालत इतनी खराब कि कुछ घंटे में ही सीएम उम्मीदवार ने लिया यू-टर्न !

मायावती ने लिखा कि यूपी विधानसभा आमचुनाव में कांग्रेस पार्टी की हालत इतनी ज़्यादा ख़स्ताहाल बनी हुई है  ऐसे में बेहतर होगा कि लोग कांग्रेस  को वोट देकर अपना वोट ख़राब न करें बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने रविवार को कांग्रेस  पर हमला बोला। उन्होंने ट्विट कर कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब है। उन्होंने कहा कि इनकी सीएम उम्मीदवार ने कुछ घंटे में ही अपना स्टैंड बदल लिया।

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मायावती ने लिखा कि यूपी विधानसभा आमचुनाव में कांग्रेस पार्टी की हालत इतनी ज़्यादा ख़स्ताहाल बनी हुई है कि इनकी सीएम की उम्मीदवार ने कुछ घंटे में ही अपना स्टैंड बदल डाला है। ऐसे में बेहतर होगा कि लोग कांग्रेस को वोट देकर अपना वोट ख़राब न करें, बल्कि एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही वोट दें। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगे लिखा कि ‘यूपी में कांग्रेस जैसी पार्टियां लोगों की नजर में वोट काटने वाली पार्टियां हैं। ऐसे में भाजपा को यूपी की सत्ता से बाहर करके यहां सर्वसमाज के हित में व इनके जाने-परखे नेतृत्व वाली सरकार की जरूरत है। जिसमें बीएसपी का स्थान वास्तव में नंबर-1 पर है।’

प्रियंका गांधी का यूटर्न –  कांग्रेस के युवा घोषणापत्र के एलान के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को साफ संकेत दिया था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा वही हैं। उनके इस बयान के बाद से न सिर्फ उनकी पार्टी बल्कि विपक्षी पार्टियों के बीच भी यह बात चर्चा का मुद्दा बन गई थी। हालांकि इसके कुछ ही घंटों बाद न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी ने अपने इस बयान को वापस ले लिया और कहा कि यूपी में सिर्फ वह ही पार्टी का चेहरा नहीं हैं उन्होंने वो बात बढ़ा-चढ़ा कर कह दी थी।

‘आप लोग बार-बार यही सवाल कर रहे थे तो मैंने बढ़ा कर कह दिया’ – प्रियंका ने एएनआई को ये भी बताया कि पार्टी ही फैसला करती है कि राज्य में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा और कुछ राज्यों में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। मैं ये नहीं कह रही हूं कि मैं ही चेहरा हूं। वो तो मैंने थोड़ा बढ़ के कह दिया क्योंकि बार-बार आप लोग यही सवाल कर रहे हैं। प्रियंका ने पत्रकार से सवाल करते हुए कहा कि, बहुत से राज्य हैं जिनके प्रभारी होते हैं चाहे वो कांग्रेस पार्टी के हों या भाजपा के। क्या आप उनसे पूछते हैं कि वो मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं या नहीं? आप उनसे क्यों नहीं पूछते? यह सवाल सिर्फ मुझसे ही क्यों पूछा जाता है?