देहरादून:उत्तराखंड में आपदा राहत और बचाव अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने वाले बल एसडीआरएफ की जल्द ही एक और कंपनी वजूद में आ जाएगी। इधर बल में सात साल पूरे करने वाले कर्मियों की अब पुलिस में वापसी होने जा रही है। 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद प्रदेश में प्रदेश में आपदा के दौरान बचाव और राहत अभियान के लिए विशेषज्ञ बल गठित करने की जरूरत महसूस हुई थी।
इसी क्रम में 2014 में बल का गठन किया गया। वर्तमान में बल में करीब साढ़े चार सौ जवान और सौ से अधिक पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात है। खास बात यह है कि बल में जवान उत्तराखंड पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर आते हैं, जो अधिकतम सात साल की होती है। इस कारण बल के शुरुआती बैच के जवान अब सात वर्ष का कार्यकाल पूरा कर, वापस पुलिस में लौटने जा रहे हैं।
इसी के साथ शासन ने बल की अतिरिक्त कंपनी गठित करने की भी अनुमति प्रदान कर दी है। वर्तमान में प्रदेश में 29 स्थानों पर एसडीआरएफ की चौकियां हैं। जहां जवान हर वक्त उपकरणों के साथ अलर्ट रहते हैं। एसडीआरएफ ने इन नौ सालों के सफर में हाई ऑल्टीट्यूट रेस्क्यू में अपनी विशेषज्ञता साबित की है। दल की टुकड़ियों ने माउंट एवरेस्ट सहित कई चोटियों को भी सफलता पूर्वक आरोहण किया है।