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अंतिम अमावस्या

आज साल का अंतिम अमावस्या !!

हिंदू वर्ष के कैलेंडर के अनुसार आज साल का अंतिम अमावस्या है. दरअसल हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह साल का 12 वां और अंतिम महीना होता है. इसलिए इस माह पड़ने वाली अमावस्या के साल की अमावस्या कहते हैं. फाल्गुन के बाद चैत्र माह के साथ नए वर्ष की शुरुआत हो जाएगी. हर माह एक अमावस्या तिथि पड़ती है. इस तरह से पूरे साल में 12 अमावस्या तिथियां होती है. इस बार साल की अंतिम और 12 वीं अमावस्या आज बुधवार 2 मार्च को है.

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हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है. वैसे तो अमावस्या तिथि पितरों के लिए समर्पित होती है. इस दिन पूजा पाठ कर पितरों का तर्पण करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. लेकिन इस दिन स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत रखकर भगवान शिव और कृष्ण की पूजा भी की जाती है.

सुख-सौभाग्य के लिए-अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का महत्व होता है. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. सूर्य देव की विशेष कृपा पाने के लिए सुबह आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और घी का दीपक जलाकर सूर्यदेव के 12 नामों का जाप करें. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें. इस दिन शिवजी और श्री कृष्ण की पूजा करना भी उत्तम माना जाता है.

अमावस्या का धार्मिक महत्व- कहा जाता है कि मृत्यु के बाद पितृ की आत्मा पितृ लोक पहुंचती है तो उन्हें कई तरह की पीड़ा औऱ परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जब पृथ्वी पर उनके परिवार के लोग जब उनका श्राद्ध, दान या तर्पण करते हैं तो उन्हें पितृ लोक में सभी पीड़ा का निवारण मिलता है. इसलिए अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए. इससे पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.