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काबुल एयरपोर्ट

अमेरिका का खुलासा: सैनिकों की वापसी के दौरान काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट में 13 सैनिकों, 170 अफगानों की गई थी जान

वाशिंगटन। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के दौरान काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती विस्फोट के मामले में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बड़े खुलासे किए हैं। हमले की सैन्य जांच के बाद नतीजे में सामने आया है कि हमले को नौ किलोग्राम (20 पाउंड) विस्फोटक लिए हुए आत्मघाती हमलावर ने अकेले अंजाम दिया था।

काबुल एयरपोर्ट हमलाः अमेरिका का खुलासा

पेंटागन का कहना है कि इस धमाके में मारे गए 170 अफगान नागरिकों और अमेरिका के 13 सैनिकों की मौत को रोका नहीं जा सकता था। काबुल एयरपोर्ट पर यह विस्फोट 26 अगस्त को ऐबी गेट के बाहर हुआ था। इसमें अमेरिका के 11 नौसैनिक, एक सेलर और एक सैनिक की मौत हो गई थी। ये सभी अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद देश से निकलने की कोशिश कर रहे हजारों अफगान नागरिकों की जांच कर रहे थे।

आईएस आतंकी ने आत्मघाती ब्लास्ट में ले ली थी 13 सैनिकों, 170 अफगानों की जान

हमले की जिम्मेदारी तब इस्लामिक स्टेट-खोरासान (आईएस-के) ने ली थी। पेंटागन में शुक्रवार को सैन्य अधिकारियों ने ग्राफिक्स का इस्तेमाल कर हमले की हर मिनट की जानकारी मुहैया कराई। उन्होंने कहा कि हमले में जान गंवाने वालों के घाव इतने खतरनाक थे कि उन्हें बचाया नहीं जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में लगा था कि हमले में गोलीबारी की गई, लेकिन यह बात सही नहीं निकली। अमेरिकी सेंट्रल कमान के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा, ऐबी गेट पर हुए हमले को एक विस्फोटक उपकरण के जरिए अंजाम दिया था।

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जिसमें 170 अफगान नागरिकों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि यह उपकरण किस हद तक खतरनाक था, इसका अंदाजा इसी बात के लगाया जा सकता है कि बेहतरीन बम रोधी जैकेट और हेलमेट पहने होने के बावजूद अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई। जांचकर्ताओं ने कहा कि हमलावर तालिबान और अन्य सुरक्षा चौकियों को चकमा देकर गेट के पास पहुंचा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि तालिबान को हमले के बारे में नहीं पता था, सुरक्षा सावधानी बरती जा रही थी और उस दिन प्रसारित होने वाले संभावित खतरों के बारे में खुफिया जानकारी स्पष्ट नहीं थी।