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अपाचे एएच-64ई भारतीय वायु सेना में शामिल हुए 8 हेलीकाप्टर

  • दुश्‍मन की किलेबंदी को भेदकर उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम
  • रायफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां जा सकती हैं भरी, 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता
  • ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन सेना के ठिकानों पर ये हमला करने में सक्षम हैं

धर्मशाला. भारत ने अब अपनी रक्षा बल को और मजबूत करने के लिए बड़े कदम लेना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान से सटे पंजाब के पठानकोट एयरबेस में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा कड़ी करने के लिए अब भारत सरकार ने अपनी वायु सेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें नए विमान शामिल कर लिए हैं।

भारत ने अमेरिका से खरीदा हुआ विमान अपाचे एएच-64ई मंगलवार को वायुसेना में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही वायुसेना में 8 अपाचे हेलीकाप्टर के शामिल होने से इसकी शक्ति और भी बढ़ जाएगी।

पठानकोट एयरबेस में ही इसके लॉन्चिंग प्रोग्राम में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के सामने इन्हे वायु सेना में शामिल किया। इन विमानों को अमेरिकन कंपनी बोइंग लिमिटेड के साथ भारत ने सितंबर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था।


ये हैं अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर की खासियतें : करीब 16 फीट ऊंचे और 18 फीट चौड़े अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलटों का होना जरूरी है। भारतीय वायुसेना में अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्‍टर है जो मुख्य रूप से हमला करने का काम करेगा। यह दुश्‍मन की किलेबंदी को भेदकर उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है। 300 किमी प्रति घंटा उड़ने वाले एजीएम-114 हेलिफायर मिसाइल से लैस हेलीकॉप्टर दिन रात  किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं। ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन सेना के ठिकानों पर ये हमला करने में सक्षम हैं। अपाचे एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है। अपाचे हेलीकॉप्टर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल हो सकता है। हेलीकॉप्टर में लगे रायफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं। इसमें 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है।