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गर्भावस्था में जरूर खाएं ये 10 चीजें( खाएं)

गर्भावस्था : प्रेग्नेंसी में हर महिला की चाह होती है कि उसकी डिलीवरी नॉर्मल हो और पेट में पल रहा शिशु भी हेल्दी रहे. लेकिन कुछ कॉम्पलिकेशन्स की वजह से सिजेरिन डिलीवरी का सहारा लेना पड़ता है. दरअसल नॉर्मल डिलीवरी के कई नुकसान होते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, सिजेरियन डिलीवरी से पेट में टांके आते हैं, जिससे मोटापा बढ़ने का खतरा बढ़ता है. साथ ही ऑपरेशन के बाद काफी हद तक कमजोरी भी बढ़ सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑपरेशन से होने वाली डिलीवरी से निजात पाने के लिए कुछ फूड्स ( खाएं) भी काफी असरदार होते हैं.

जी हां, हमारे किचन में कई ऐसे फल और सब्जियां मौजूद होती हैं, जो डिलीवरी को नॉर्मल बनाने में मदद करते हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि आप इन्हें अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं, ताकि सिजेरियन डिलीवरी के जोखिम को कम किया जा सके. आइए संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल दिल्ली की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. स्नेहा बठला मुखी से जानते हैं, ऐसे कौन से फूड्स हैं, जिनके सेवन से सिजेरिन डिलीवरी का खतरा कम हो सकता है.

कैसी हो आपकी डाइट?

गर्भावस्था में हर गर्भवती को संतुलित आहार की बेहद आवश्यकता होती है. साथ ही शरीर में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होने चाहिए. क्योंकि गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर की पोषण संबंधी आवश्यकताएं बढ़ जाती हैं. एक गर्भवती महिला को औसतन 450-500 कैलोरी अधिक भोजन की जरूरत होती है. चूंकि, गर्भ में पलने वाले शिशु को मां के शरीर से ही भोजन मिलता है. इसलिए स्वभाविक रूप से अपने और शिशु का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से खाने की जरूरत होती है. एक्सपर्ट के अनुसार, पोषक तत्वों में कमी से सामान्य प्रसव की संभावना बेहद कम हो सकती है.

गर्भावस्था में फायदेमंद हैं ये 10 फूड्स

दूध: एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में कई महिलाओं को दूध पीना तो दूर उसकी महक तक अच्छी नहीं लगती है. लेकिन ऐसा करना गलत है. क्योंकि दूध प्रोटीन अच्छी स्रोत माना जाता है. एक कप दूध से 8.22 ग्राम प्रोटीन प्राप्‍त किया जा सकता है. दूध मां और पेट में पल रहे बच्चे दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है. बता दें कि, प्रोटीन की कमी से जन्‍म के समय शिशु का वजन कम होने का खतरा बढ़ता है. प्रोटीन गर्भाशय को मजबूत करता है, रक्‍त की आपूर्ति में सुधार लाता है और शिशु को पोषण देने का काम करता है. ऐसे में शुरुआत दूध में कोई फ्लेवर या कोई पाउडर मिलाकर करें.

दाल-फल: दाल और फली प्रोटीन और फाइबर के अच्छे स्रोत माने जाते हैं. इसलिए गर्भावस्था के दौरान इन दोनों चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी डिलीवरी पूरी तरह से नॉर्मल होने की संभावना बढ़ जाती है. दरअसल, प्रसव के कुछ दिन पहले गर्भवती महिला के शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में दाल और सूखे बीन्स प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने में मदद करते हैं. बता दें कि, पकी हुई दाल शरीर में 15 ग्राम प्रोटीन पहुंचाने का काम करती है. चूंकि, इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए ये कब्ज को रोकने में भी असरदार मानी जाती है.

संतरा: संतरे का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसका सेवन सामान्य और स्वस्थ प्रसव दोनों के लिए बेहद महत्वूपर्ण होती है. बता दें कि, संतरे में दो जरूरी चीजें होती हैं, सबसे पहली चीज इसमें 90 प्रतिशत पानी होता है, जोकि शरीर की तरल आवश्यकताओं को पूरा करने का काम करता है. इसके साथ ही संतरे में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है. ऐसे में संतरे का सेवन करने से शिशु की त्वचा नरम और सुंदर होती है. साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान संक्रमण से भी बचाव होता है.

अंडे: प्रेग्नेंसी के दौरान नॉन-वेज खाने से कई गर्भवती महिलाएं बचती रहती हैं. लेकिन, यदि आप सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म देना चाहती हैं, तो अंडे का सेवन जरूर करना चाहिए. बता दें कि, अंडा प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होता है. साथ ही इसमें आवश्यक अमीनो एसिड की भी मौजूदगी होती है. इसके लिए गर्भवती महिलाएं चाहें तो नाश्ते और दोपहर के भोजन में भी अंडे को शामिल कर सकती हैं. यह स्नैक्स के लिए बेहतर विकल्प है. ऐसा करने से आपके पेट में पल रहा शिशु हेल्दी और उसके बाल भी सुंदर होंगे.

ओट्स: कार्बोहाइड्रेट से भरपूर ओट्स आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाने का काम करता है. इसलिए यह प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत फायदेमंद माना जाता है. बता दें कि, गर्भावस्था में शरीर कई परेशानियों के चलते कमजोर हो जाता है, जिससे आखिरी वक्त पर नॉर्मल डिलीवरी होना मुश्किल हो जाती है. इसलिए गर्भावस्था के शुरुआत से ही डाइट में ओट्स को शामिल किया जाए, तो नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है. एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान ओट्स का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम होता है. हालांकि ध्यान रखें, इसमें अतिरिक्त चीनी न मिलाएं. इसको आप नाश्ते के रूप में ले सकती हैं.

कद्दू के बीज: प्रेग्नेंसी के दौरान कद्दू के बीज का सेवन अधिक फायदेमंद माने जाते हैं. डाइट में कद्दू के बीज को शामिल करने से प्रोटीन अधिक मिलता है. क्योंकि इसकी हर सर्विंग में पांच ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इन स्वादिष्ट बीजों में पेाटेशियम, सोडियम, फॉस्फोरस , कैल्शियम और अन्य मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं. बता दें कि, प्रेग्नेंसी के दौरान जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है, वैसे-वैसे पीठ और कूल्हे की मांसपेशियां भी फैलती हैं. इससे शरीर में दर्द होता है.

लो फैट मीट: यदि गर्भवती महिला नॉन-वेजिटेरियन है तो लो फैट मीट काफी फायदेमंद होता है. क्योंकि कम वसा वाले मीट में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो गर्भवती महिला के लिए जरूरी है. बता दें कि, पहले तो गर्भवती महिला का हीमोग्लोबिन लेवल सामान्य रहता है, लेकिन जैसे-जैसे डिलीवरी का समय नजदीक आता है हीमोग्लोबिन में कमी होने लगती है. इसकी पूर्ति के लिए आपको 9वें महीने तक लो फैट मीट जरूर खाना चाहिए. इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि यह पचने में बेहद आसान होता है.
शकरकंद: एक्सपर्ट के मुताबिक, नॉर्मल डिलीवरी के लिए गर्भवती महिलाओं को पूरे नौ महीनों तक शकरकंद का सेवन जरूर करना चाहिए. क्योंकि शकरकंद में बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है, जो इसे विटामिन ए में बदलने का काम करता है. इसे खाने से शिशुओं में विभिन्न ऊतकों और कोशिकाओं को अलग करने में मदद मिलती है. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विटामिन ए का सेवन 40 प्रतिशत तक बढ़ाने की आवश्यकता होती है, इसलिए इस दौरान शकरकंद को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.

ब्रोकोली: नॉर्मल डिलीवरी की चाह रखने वाली महिलाओं को ब्रोकली का सेवन जरूर करना चाहिए. बता दें कि, ब्रोकोली में फोलेट, कैल्शियम और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा ब्रोकली फाइबर का भी अच्छा स्रोत होता है, जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है. इसके अलावा, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ब्रोकोली आपको प्रसव से पहले उत्पन्न होने वाली बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होती है.
केला: प्रेग्नेंसी में केला का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि केला एक ऊर्जायुक्त भोजन है, जो गर्भावस्था के दौरान बहुत जरूरी होता है. बता दें कि, प्रसव के दौरान थकान और शरीर में दर्द होना एक बहुत ही आम बात है. ऐसे में यदि आप केले का सेवन करते हैं तो यह आपको अधिक ऊर्जा प्रदान कर थकान को कम करने का काम करता है. यह नाश्ते का सबसे बेहतर विकल्प है.