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Wine पीने से टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम !!

यदि आप रात में डिनर के साथ थोड़ा सा वाइन (Wine) पीते हैं, तो काफी हद तक टाइप-2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) होने का खतरा कम हो जाता है. यह बात हाल ही में हुई एक स्टडी में सामने आई है. साइटेकडेली में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब (Alcohol) का सेवन करने वाले लगभग 312,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि मॉडरेट मात्रा में शराब (महिलाओं के लिए प्रतिदिन 14 ग्राम और पुरुषों के लिए 28 ग्राम प्रतिदिन से अधिक नहीं) पीने से, खासकर भोजन के साथ वाइन (Wine) के सेवन से टाइप-2 डायबिटीज के होने के जोखिम को कम करता है. अध्ययन में पता चला कि टाइप-2 मधुमेह का जोखिम सिर्फ तब कम हुआ, जब लोगों ने वाइन का सेवन भोजन के साथ किया, न कि बिना भोजन के इसका सेवन किया.

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अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एपिडेमियोलॉजी, प्रिवेंशन, लाइफस्टाइल एंड कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य सम्मेलन 2022 में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रारंभिक शोध के अनुसार, वर्तमान में लगभग 312,400 पीने वालों के स्वास्थ्य डाटा का विश्लेषण किया गया, जिसमें पता चलता है कि शराब का सेवन, विशेष रूप से वाइन का सेवन (Study on Wine Consumption) भोजन के साथ करने पर टाइप-2 मधुमेह के डेवलप होने के जोखिम से जुड़ा है.

स्टडी में ये कहा गया है कि सिर्फ मध्यम मात्रा में वाइन का सेवन टाइप-2 डायबिटीज के विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. महिलाओं के लिए प्रतिदिन एक गिलास और पुरुषों के लिए प्रतिदिन दो गिलास वाइन का सेवन ही काफी है. औसतन लगभग 11 वर्षों के अध्ययन के दौरान, स्टडी में शामिल लगभग 8,600 वयस्कों ने टाइप- 2 मधुमेह विकसित किया. बिना खाना खाए वाइन के सेवन की तुलना में भोजन के साथ वाइन का सेवन टाइप-2 डायबिटीज के होने का जोखिम 14% कम था. वाइन पीने और अन्य प्रकार के एल्कोहल पीने वाले प्रतिभागियों में भोजन के साथ शराब पीने और टाइप-2 मधुमेह के बीच लाभकारी संबंध सबसे आम था.

 

वाइन पीने के सेहत लाभ कई शोध बताते हैं कि कभी-कभार एक गिलास रेड वाइन पीना आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है. यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है. उम्र को बढ़ा सकता है. हृदय रोगों से बचाता है. हानिकारक सूजन से बचाने में मदद कर सकता है. दिलचस्प बात यह है कि रेड वाइन में व्हाइट वाइन की तुलना में एंटीऑक्सिडेंट के उच्च स्तर की संभावना होती है.

Wineड्रिंक और मेडिसिन दोनों के रूप में शराब हजारों वर्षों से प्रयोग में है। शराब की सप्लाई का कल्चर भले ही बदल गया हो, लेकिन इसकी लोकप्रियता काफी फलफूल रही है। नए सर्वे से पता पता चला है कि मौजूदा दौर की आबादी किसी भी पिछली अमेरिकी जनरेशन की तुलना में अधिक शराब पीती है।

हालांकि, अच्छी बात ये है कि मॉडरेट वाइन हमारी हेल्थ के लिए कई तरह से लाभकारी बताई जाती है। लेकिन इसके अधिक सेवन से सेहत को हानि भी है। जब शरीर में शराब के इफेक्ट को लेकर चर्चा करते हैं तो दो कंपोनेंट्स यानी घटकों पर ध्यान की जरूरत है शराब (alcohol) और अंगूर (grapes) से प्राप्त पौधों के गुण (plant properties)। इस आर्टिकल में हम आपको आयुर्वेद नजरिए से शराब पीने के फायदे बताते हैं।

​शराब और ब्लड शुगर

भोजन के बाद शराब ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया को कम करती है। बताया जाता है कि एक हैवी मील के बाद ग्लाइसेमिक स्पाइक्स को 37 प्रतिशत तक कम कर देता है। बता दें कि भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल मधुमेह (diabetes), सूजन (inflammation) और हृदय रोग (heart disease) से जुड़ा है। एक शोध में 12 फीसदी अल्कोहल बनाम 6 प्रतिशत अल्कोहल के साथ रेड वाइन के प्रभावों की तुलना की गई थी,

जिसमें हेल्थ के लिए अच्छे रिजल्ट लगभग समान ही पाए गए थे। हालांकि, रेड और वाइट वाइन की नॉन डेजर्ट वेरायटीज में लगभग समान मात्रा में कैलोरी और अल्कोहल होती है, लेकिन इनके एंटीऑक्सीडेंट एक्टीविटीज में कुछ अंतर होते हैं। इस तरह बीयर पीने से सेहत का हो जाता है बुरा हाल, किडनी से लेकर दिल को पहुंचता है भारी नुकसान

​रेड वाइन के गुण

रेड वाइन फरमेंटिड प्रोसेज के जरिए अंगूर के गूदे से लेकर उसके बाहरी हिस्से यानी स्किन वाला पार्ट से बनकर तैयार होती है। इसमें पॉलीफेनोल्स की मात्रा अधिक होती है जो कि एक प्रकार का एसिड है और मुख्य रूप से एंटीऑक्सिडेंट से जुड़ा होता है। अंगूर के पौधे बैक्टीरिया और कवक से लड़ने के लिए और पराबैंगनी (यूवी) विकिरण से बचाने के लिए रेस्वेराट्रोल, एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट का उत्पादन करते हैं। शोधकर्ता रेस्वेराट्रॉल के एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन मनुष्यों के लिए इसके लाभों की जानकारी के लिए अभी अधिक शोध की आवश्यकता है।