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(former MP):

मजबूती का प्रयास करेंगे कांग्रेस छोड़ सपा में आए पूर्व सांसद

कानपुर । विधानसभा चुनाव (former MP) से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ सपा में आए पूर्व सांसद (former MP) राजाराम पाल अब पार्टी को मजबूती देने का प्रयास करेंगे। समाजवादी पार्टी ने अपने सदस्यता अभियान को गति देने के लिए प्रभारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। 2005 में कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन दुर्योधन में पाल को संसद में प्रश्न पूछने में रिश्वत के वीडियो के बाद बसपा से निकाल दिया गया था।

2007 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। 2009 में कांग्रेस से अकबरपुर सीट से सांसद चुने गए। 2014 लोकसभा, 2017 में महराजपुर विधानसभा फिर 2019 में अकबरपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी बने लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

इनमें राजाराम पाल को कानपुर की जिम्मेदारी दी गई है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने 72 जिलों के प्रभारियों की लिस्ट जारी की है। इनमें सपा के सांसदों-विधायकों सहित कई नेताओं को सदस्यता अभियान तेज करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, पड़ोसी जिले उन्नाव की बागडोर पूर्व सांसद अन्नू टंडन और पूर्व विधायक आरएस कुशवाहा को दी गई है।

ये सभी अब इन जिलों में काम करते हुए पार्टी के सदस्यता अभियान को गति देंगे और अधिक से अधिक युवाओं व लोगों को पार्टी से जोडऩे का प्रयास करेंगे।

बता दें कि विधनभा चुनाव और उसके बाद उपचुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद सपा के कई पदाधिकारियों पर गाज गिरी थी। इसके अलावा, पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हाल ही में अपनी सभी इकाईयां भंग कर दी थी। पार्टी नेतृत्व का अब पूरा फोकस लोकसभा चुनावों पर है। इसके लिए पार्टी ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव कर रही है।