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रोडवेज का जनपद एटा के सम्मानित नागरिकों के प्रति यह उपेक्षित व्यवहार क्यों ?

लखनऊ – एटा से लखनऊ आज भी है बहुत दूर ! रात भर बसों में ठिठुर कर सुबह लखनऊ पहुंचते हैं एटा जिले के सम्मानित नागरिक , हाइवे बनने के बाबजूद 300 किलोमीटर दूर लखनऊ जाने में आज भी लग रहे हैं 9-10 घंटे, लेकिन वापसी 6 घंटे से भी कम समय में। मुख्यमंत्री मा.योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के सभी जनपदों से लखनऊ जल्दी से जल्दी पहुंचने के लिए प्रत्येक रोडवेज डिपो को राजधानी एक्सप्रेस बसों की सौगात दी है ताकि लखनऊ जाने वाले सभी यात्री बिना परेशानी के राजधानी पहुंचकर अपने कार्यों को सम्पन्न कर सकें। लेकिन एटा जिले के यात्रियों के राजधानी आज भी बहुत दूर है , यूं तो एटा डिपो की बस लखनऊ से एटा लगभग 5.30 घंटे में पहुंचा देती है|

लेकिन प्रातः में कोई बस एटा से लखनऊ के लिए न होने से यहां के यात्रियों को एक रात पूर्व बस से जाना पड़ता है। एटा में मेडिकल कॉलेज है, जवाहर तापीय परियोजना है, परंतु प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाने के लिए कोई ट्रेन सुविधा तो है ही नहीं, साथ ही लखनऊ आने जाने के लिए प्रदेश की रोडवेज सेवाओं की सुविधा भी अत्यधिक खेदपूर्ण है, लखनऊ आने जाने के लिए कोई भी जनरथ/ ए.सी बस सेवा नहीं है, मात्र एक साधारण बस सेवा है जिसकी टाइमिंग भी बेतुकी है और अत्यधिक समय लेती है , यह बस सुबह 9 बजे एटा से निकलती हैं ,और शाम को लखनऊ पहुँचाती है ,

तब तक लगभग सभी सरकारी ऑफिस ,मेडिकल कॉलेज की ओपीडी आदि बन्द होने का समय हो जाता है ,जिससे अनावश्यक रूप से लखनऊ में एक रात रुकने से समय & धन की बर्बादी होती है , यदि यही बस सुबह 5 से 6 के मध्य लखनऊ के लिए बेबर कन्नौज होते हुए आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे होकर जाए तो लगभग 10-11 बजे तक लखनऊ पहुँच सकते हैं ,पूरे दिन में अपने काम खत्म कर शाम को आदमी अपने घर एटा वापस आ सकता है ,

यदि अपनी निजी गाड़ी से जाओ तो जनरथ / एसी बस के किराए के लगभग 5 गुणा अधिक खर्च आता है, आम आदमी के लिए यह खर्च अत्यधिक है

लखनऊ किसी न किसी कार्य से जाने वाले शिक्षकगण, सर्विस क्लास, पत्रकार बंधु , समाजसेवी , किसान , छोटे व्यापारी , लखनऊ हाईकोर्ट जाने वाले सम्मानित नागरिक , आर्थिक रूप से कमजोर नेताजी , आम जनता से सम्बंधित मातृ शक्ति & बच्चें , वरिष्ठ नागरिक, KGMC ,SGPGI जाने वाले मरीज, स्टूडेंट्स विशेष रूप से बेटियां जो पढ़ने के लिए लखनऊ जाती हैं , एटा मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स एवं उनके अभिभावक , मेडिकल कॉलेज का स्टॉफ, तापीय परियोजना में कार्य करने वाले स्टॉफ को आगरा और टूंडला होकर जाना पड़ता है जिससे समय की बेबजह बर्बादी होती है , लखनऊ से शाम को आगरा होते हुए एटा के लिए निकलो तो रात में आगरा पहुँचते हैं|

रात बजे 12 बजे के बाद सुबह 3-4 बजे तक एटा के लिए कोई बस नहीं होती , धन और समय की बर्बादी होती है। UPSRTC पर चेक करें तो पायेंगे लखनऊ से अलीगढ़ भी जनरथ बस आगरा होकर निकलती है, एटा लखनऊ जाने वाली कोई जनरथ बस सेवा क्यों नहीं है ; जबकि अब तो जीटी रोड भी ठीक है तो फिर रोडवेज का जनपद एटा के सम्मानित नागरिकों के प्रति यह उपेक्षित व्यवहार क्यों ?