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जब भोजन( food) निगलने में दिक्कत होने लगे

गले के कैंसर: डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2020 में एक करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत के लिए कैंसर जिम्मेदार था. भारत में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. इंडिया अगेंस्ट कैंसर के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 27 लाख लोग कैंसर का इलाज करा रहे हैं. 2020 में कैंसर से संबंधित करीब 8.5 लाख लोगों की मौत हो गई. आंकड़ों के मुताबिक कैंसर से होने वाली 25 से 30 प्रतिशत मौतों के लिए तंबाकू जिम्मेदार होता है जबकि 30 से 35 प्रतिशत कैंसर से होने वाली मौतों के लिए खराब डाइट ( food) जिम्मेदार होती है. वहीं 15 से 20 प्रतिशत मौत की वजह इंफेक्शन और बाकी के लिए रेडिएशन, स्ट्रेस, फिजिकल एक्टिविटी, पर्यावरण और प्रदूषण होते हैं. यानी तंबाकू, गुटखा जैसी बुरी आदतें कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ा देती है.

गले के कैंसर के अधिकांश मामलों में मुख्य रूप से कुछ बुरी आदतें जिम्मेदार होती हैं. सिगरेट, शराब, तंबाकू, गुटखा इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसलिए यदि समय पर गले के कैंसर के संकेतों पर ध्यान दे दिया जाए तो इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है. जोधपुर में पारस होम्योपैथी के डॉक्टर डॉ. रामदेव लामोरिया बताते हैं कि गले के कैंसर की पहचान आसानी से की जा सकती है. उन्होंने बताया कि गले के तीन अंगों में गले का कैंसर हो सकता है. ये हैं फाइरिंग्स, लाइरिंग्स और टॉन्सिल. इन तीनों पार्ट में अगर कैंसर होता है तो उसे गले का कैंसर कहा जाता है. उन्होंने कहा कि वोकल कॉर्ड के माध्यम से आवाज जेनरेट होती है. इसलिए वोकल कॉर्ड बहुत ही सेंसेटिव होता है. कैंसर इसी अंग को प्रभावित करता है.

गले के कैंसर के कारण
सर गंगाराम अस्पताल में कैंसर विभाग के एसोसिएड कंसल्टेंट डॉ. आदित्य सरीन ने बताया कि गले के कैंसर के अधिकांश मामलों में स्मोकिंग, तंबाकू और गुटखे की लत जैसी बुरी आदतें ही जिम्मेदार होते हैं. इसके अलावा अल्कोहल और ह्यूमन पेपिलोमा वायरस और जननांगों में मस्सा के लिए जिम्मेदार वायरस भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.

गले के कैंसर के लक्षण

1.आवाज में परिवर्तन-डॉ. रामदेव लामोरिया बताते हैं कि शुरुआत बहुत छोटी-छोटी दिक्कतों से होती है. गले में कैंसर होने पर आवाज में भारीपन या बदलाव एकदम शुरुआती लक्षण है. उन्होंने कहा कि कैंसर के कारण आवाज में भरभरहाटपन आने लगता है. अगर दो सप्ताह तक आवाज में यह बदलाव ठीक नहीं हुआ तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
2. खांसी-गले के कुछ कैंसर में कफ भरा रहता है. इससे खांसी होती है. यहां तक कि सांस लेने में तकलीफ भी होती है. अगर ज्यादा दिनों तक कफ रहे तो इसे नजरअंदाज न करें.

3. निगलने में परेशानी-जब भोजन निगलने में दिक्कत होने लगे, ऐसा लगे खाना गले में लटका हुआ महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. यह गले के कैंसर का संकेत हो सकता है.

4-वजन में कमी-किसी भी तरह के कैंसर होने पर वजन में कमी होती है. इसलिए यदि बिना वजह वजन में अचानक कमी हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

5. कान में दर्द-कान भी गर्दन में ही रहते हैं. इसलिए कान में अगर लगातार दर्द हो और यह दर्द जल्दी न जाय, तो यह गले के कैंसर का संकेत हो सकता है.

6. गर्दन के नीचे सूजन- अगर गर्दन के निचले हिस्से में सूजन है और इलाज से भी ठीक नहीं हो रही है तो यह कैंसर का कारण हो सकता है. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.