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विभागीय जाँच के लिए स्कूल पहुंचे SI जब बन बैठे गणित के टीचर ,दरोगा की पाठशाला का वीडियो हो रहा वायरल

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के जिले कुशीनगर के एक दरोगा का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें वह सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आ रहे है। ऐसा बताया जा रहा है कि वह विभागीय जांच करने के लिए प्राथमिक विद्यालय पहुंचे थे लेकिन अपने अंदर छिपे अध्यापक को रोक नहीं पाए और कक्षा में जाकर बतौर शिक्षक की तरह पढ़ाने लगे। शिक्षक के बाद दरोगा की पाठशाला का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसकी लोग काफी प्रशंसा भी कर रहे है।

चोरी होने की वजह से दरोगा पहुंचे थे स्कूल

जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के सेमरा गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। यहां स्कूल में हुई चोरी की तफ्तीश करने के लिए दरोगा अतुल कुमार पहुंचे थे। बच्चों को पढ़ता देख उन्होंने बच्चों से सवाल भी किया जिसका जवाब बहुत ही सरलता से बच्चों के द्वारा दिया गया। उन्होंने सरल तरीके से गणित के सवाल हल करने की तकनीक भी समझाई। शिक्षक के रूप में दरोगा को देखकर बच्चे भी काफी उत्साहित दिखे। दरअसल इस स्कूल में सोमवार को चोरी हुई थी, जिसमें प्रधानाध्यापक की तहरीर पर कप्तानगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। मंगलवार को मामले की तफ्तीश करने दरोगा अतुल कुमार विद्यालय पहुंचे थे।

स्कूल में पुलिसकर्मियों को देख बच्चे गए थे डर

क्लास में बच्चों को पढ़ते हुए देखा तो दरोगा बनने से पहले शिक्षक का दायित्व निभा चुके अतुल कुमार खुद को रोक नहीं पाए। वह दरोगा की वर्दी में ही हाथ में चॉक लिए ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को गणित के सवालों को हल करने का सरल तरीका बताने लगे। उन्होंने करीब एक घंटे की क्लास ली और जाते-जाते दोबारा आकर पढ़ाने का बच्चों से वादा भी किया है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि विद्यालय परिसर में पुलिस देखकर पहले तो डर लगा लेकिन जब वह हम लोगों को पढ़ाने लगे तो ऐसा लग रहा था वह दरोगा नहीं बल्कि एक अध्यापक हैं। पुलिस वालों को देखकर डर लगा तो दरोगा ने कहा हमसे डरो मत हम तुम्हें पढ़ाने आए हैं। फिर उन्होंने गणित के सवालों में जोड़, घटाना, गुणा, भाग करना सिखाया जिसे बेहतर रूप से समझ लिया है।

बीटेक के बाद प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना किया शुरू

आजमगढ़ जिले के मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले दरोगा अतुल कुमार का कहना है कि शुरुआत में वह बीटेक की पढ़ाई कर नोएडा की प्राइवेट कंपनी में आईटी डिपार्टमेंट में काम करते थे लेकिन साल 2014 की दरोगा भर्ती में उस नौकरी को छोड़ दिया। उसके बाद इस भर्ती को लेकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद काफी समय लग गया। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से सीबीएसई बोर्ड के प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया। फिर कुछ दिनों बाद 69000 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अपने जिल में ही शिक्षक के पद पर नियुक्ति हो गई। यहीं पर रहकर बच्चों के बीच काफी समय गुजारा।

प्रधानाचार्य ने दूसरे शिक्षकों को दिया संदेश

कोर्ट से दरोगा भर्ती का निस्तारण होने के बाद  वर्ष 2019 में ट्रेनिंग में चला गया। जनवरी 2022 में कुशीनगर जिले के कप्तानगंज मे मेरी पहली पोस्टिंग हुई है। वहीं माध्यमिक विद्यालय सेमरा के प्रधानाचार्य जन्मेजय पाण्डेय का कहना है कि दरोगा जी चोरी की तफ्तीश करने आए थे पर बच्चों को पढ़ता देख खुद को रोक नहीं पाए। प्रधानाध्यापक ने कहा कि दरोगा जी ने उन शिक्षकों को संदेश दिया है जो विद्यालय नहीं आते और अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करते। दरोगा का यह रूप सभी को पसंद आ रहा है और हर जगह इसकी चर्चा हो रही है।