Breaking News
(*सफेद और सेंधा)
(*सफेद और सेंधा)

सफेद और सेंधा नमक में क्या है फर्क?(*सफेद और सेंधा)

सेंधा नमक: हमारे किचन में सफेद नमक और सेंधा नमक*(*सफेद और सेंधा) दोनों के डब्बे मौजूद रहते हैं, हालांकि व्हाइट सॉल्ट का जार पिंक सॉल्ट के मुकाबले ज्यादा बड़ा होता है. इसकी वजह है ये कि हम खाने की चीजों में सादे नमक का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. क्या आप इन दोनों के बीच का फर्क जानते हैं, और बता सकते हैं कि कौन सा नमक सेहत के लिए बेहतर है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं.

एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए

अगर हम ग्लोबल एवरेज की बात करें को प्रति व्यक्ति करीब 10.8 ग्राम की खपत रोजाना होती है. वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक एक इंसान को एक दिन में 5 ग्राम से भी कम नमक खाना चाहिए, जो करीब एक छोटे चम्मच के बराबर है. ज्यादा नमक खाने से सेहत को तगड़ा नुकसान पहुंच सकते.

सेंधा नमक और व्हाइट सॉल्ट के बीच फर्क

सेंधा नमक और सफेद नमक के स्वाद में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है, लेकिन जो लोग हेल्थ कॉन्शियस हैं वो रॉक सॉल्ट का सेवन ज्यादा पसंद करते हैं. इन दोनों सॉल्ट में न सिर्फ रंग का अंतर है, बल्कि सेहत पर दोनों का असर अलग-अलग तरीके से होता है.

सेंधा नमक क्यों माना जाता है बेहतर?

सेंधा नमक का मेन सोर्स समंदर या खारे पानी की झीलें हैं, इससे सोडियम क्लोराइड के कलरफुल क्रिस्टल बनते हैं. इस नमक को शुद्ध माना जाता है क्योंकि इसे तैयार करने में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाती और ये प्योर फॉर्म में आपको मिल जाता है.

सादे नमक से होगा नुकसान
वहीं सादे नमक को तैयार करने के लिए सॉल्ट को रिफाइन किया जाता है. इसमें 95 फीसदी से भी ज्यादा नमक पाए जाते हैं. इसमें कई और चीजें मिलाई जाती हैं जिसे आयोडीन भी शामिल है. यही वजह है कि व्हाइट सॉल्ट को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता . सफेद नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटेक जैसी बीमारियां हो सकती है. इसलिए सादे नमक का सेवन कम से कम करें.