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मनरेगा में, मानव दिवस सृजन में उत्तर प्रदेश, देश में अव्वल !

लखनऊः 12 दिसम्बर 2022 – उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा निर्देशन और नेतृत्व में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा नये आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भी उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य किए गए हैं। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रोजगार सृजन हेतु वार्षिक भौतिक लक्ष्य 2600 लाख मानव दिवस के सापेक्ष 2438.62 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। मानव दिवस सृजन में प्रदेश  देश में प्रथम स्थान पर है । वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश ने रु. 7809.74 करोड़ की धनराशि व्यय की है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश ने 61.53 लाख परिवारों को रोजगार दिया गया है । यही नहीं,वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2,77,878 परिवारों को 100 दिवस का पूर्ण रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है और 100 दिवस का पूर्ण रोजगार उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है।

उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह मनरेगा अभिसरण(कन्वर्जेंस) के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों के लिए लाइन विभागों की प्रभावी सहभागिता व फील्ड स्तर पर अभिसरण की आवश्यकता के दृष्टिगत  ठोस कदम उठाए जांय और मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत प्रगति बढ़ाई जाए। गौरतलब है कि मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत श्रम,एस आर एल एम,भूगर्भ जल विभाग, लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, उद्यान, परती भूमि विकास, बेसिक शिक्षा ,पशुपालन ,युवा कल्याण ,रेशम ,कृषि रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर ,बाल विकास एवं पुष्टाहार ,ग्रेटर शारदा सहायक ,ग्रामीण अभियंत्रण डेरी ,सिंचाई, लघु सिंचाई आदि लगभग 2 दर्जन से अधिक विभागों द्वारा कार्य कराया जाता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि मनरेगा के तहत धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत वर्ष 2022-23 में रू० 1802.97 करोड़ का वित्तीय लक्ष्य रखा गया है उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि संबंधित विभाग पूरी तत्परता और गंभीरता के साथ मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत कराए जाने वाले कार्यों को समय से पूरा करके हुए  शत् -प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें ।
उन्होंने  सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि  मनरेगा के तहत जिन श्रमिकों ने  90 दिन मनरेगा में कार्य किया है, उन्हें बीओसीडब्ल्यू बोर्ड (श्रम विभाग) में पंजीकरण कराते हुए श्रम विभाग की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कराया जाए।