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त्वचा का निखार

त्वचा का निखार बढ़ाने के लिए रोजाना करें इन 5 योगासनों का अभ्यास

अमूमन लोग त्वचा पर निखार लाने के लिए तरह-तरह के महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स खरीद लेते हैं, फिर भी उन्हें मनचाहा नतीजा नहीं मिल पाता है। ऐसे में योग को रूटीन में शामिल करना अच्छा है। यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि यह त्वचा की बनावट में सुधार करने और इसे प्राकृतिक रूप से निखारने में भी सहायक हो सकता है। आइए आज इसके लिए पांच योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं। त्रिकोणासनइसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों को जितना हो सके, उतना खोलकर अपने दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं। इसके बाद एक हाथ की उंगलियों से उसी तरफ के पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस अवस्था में दो-तीन मिनट तक बने रहने के बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ें और इसी प्रक्रिया को दूसरे हाथ की तरफ से दोहराएं।

भुजंगासनभुजंगासन के लिए योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। इसके बाद कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। यह योगासन आपकी त्वचा पर निखार लाने में मदद करेगा। उष्ट्रासनउष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट पर घुटनों के बल बैठें, फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें। इसके बाद दायीं हथेली को दायीं एड़ी पर और बायीं हथेली को बायीं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें। धनुरासनधनुरासन के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।

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अब अपने दोनों घुटनों को अपनी पीठ की तरफ से मोड़ें और हाथों से टखनों को पकड़ें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरे शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे सांस लेते-छोड़ते रहें, फिर कुछ सेकेंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। हलासनहलासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं, फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।