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(Savarkar )
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उद्धव ठाकरे ने सावरकर (Savarkar )मुद्दे पर राहुल गांधी का साथ छोड़ दिया

मुंबई. महाराष्ट्र में अब ‘सावरकर बनाम गांधी’ की राजनीति देखने मिल रही है. राहुल गांधी के, ‘मैं सावरकर नहीं हूं गांधी हूं’ के बयान पर शिंदे-फडणवीस ने नाराजगी जाहिर की है, तो वहीं ‘महाविकास आघाड़ी’ का ही हिस्सा उद्धव ठाकरे ने भी सावरकर (Savarkar ) पर कांग्रेस नेता का साथ छोड़ दिया है. राहुल की विवादित टिप्पणी के बाद हुई कारवाई को लेकर कांग्रेस लोकतंत्र पर सवाल उठा रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी ने राहुल को सावरकर के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है और इसका जवाब ‘सावरकर यात्रा’ से देने की तैयारी की है.

मालूम हो कि ‘मोदी सरनेम’ को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है. जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधान के तहत राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई है. इसके बाद जब राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तब उन्होंने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा, ‘वह गांधी हैं, सावरकर नहीं, वह माफी नहीं मांगेंगे.’

महाराष्ट्र की राजनीति में सावरकर एक बड़ा मुद्दा हैं और यही वजह है कि सावरकर के मुद्दे पर पहले भी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना के बीच मतभेद हो चुके हैं. गठबंधन में होने के चलते शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) जहां खुलकर राहुल गांधी के बयान का विरोध नहीं कर पा रही है, वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस मुद्दे पर जमकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं. एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी के सावरकर को लेकर दिए बयान पर कहा, ‘राहुल गांधी वीर सावरकर का बार-बार अपमान कर रहे हैं. उसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है. राहुल गांधी एक दिन अंडमान जेल में रहकर आएं फिर उन्हें समझ मे आएगा.’ साथ ही राहुल गांधी के बयान को लेकर महाराष्ट्र बीजेपी के सांसदों ने संसद भवन परिसर के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वीर सावरकर’ पर दिए गए बयान ने उनके सहयोगी दल को भी नाराज कर दिया है. राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना के उद्धव गुट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उद्धव गुट के संजय राउत ने कहा, ‘राहुल गांधी ने सावरकर पर जो कहा उसका हम समर्थन नहीं करते हैं और इस बयान को लेकर मैं खुद दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात करूंगा.’

वहीं, उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा, ‘हम सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ संजय राउत ही नहीं, उद्धव बालसाहेब ठाकरे भी खुद मालेगांव की सभा में खूब बरसे. सावरकर के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना इतना कड़ा रुख पेश कर रही है कि उनकी पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई विपक्ष की डिनर डिप्लोमेसी में शामिल भी नहीं हुई.

जहां एक तरह राहुल गांधी के सावरकर पर बयान को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी चल रही है, वहीं दूसरी तरफ वीर सावरकर के परिवार की प्रतिक्रिया भी आई है. वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने कहा, ‘सावरकर ने कभी माफ़ी नहीं मांगी, राहुल को यह बताने की जरूरत नहीं है कि वो सावरकर नहीं हैं. जवाहरलाल नेहरू के पाप छुपाने के लिए वे सावरकर का नाम लेते हैं, जिस परिवार ने देश तोड़ा वो क्या देश जोड़ेगा?’