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(gogra-hotsprings)

पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में जवानों कों हटना शुरू

नई दिल्ली । पूर्वी लद्दाख (gogra-hotsprings) सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में भारत और चीन की सेना ने बड़ी घोषणा (gogra-hotsprings)की है। चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे। हालांकि चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया। इस झड़प के बाद 30 जून के आसपास दोनों पक्षों में बात हुई और चीन वहां से एक किलोमीटर पीछे हट गया। भारत अपनी पोस्ट पर वापस आ गया था।

गुरुवार को दोनों देशों की सेनाओं ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोल पाइंट-15 से जवानों कों हटना शुरू हो गया है। भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी सहमति के बाद यह फैसला लिया गया है। यह घोषणा ऐसे समय हुई है, जब एक हफ्ते बाद उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन का सालाना शिखर सम्मेलन है।

इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल होंगे। हालांकि वो लोग मान गए, पर विवाद शुरू हुआ चीनी हरकत से। चीन ने दो टेंट लगाए, जो ऑब्जर्वेशन पोस्ट की तरह थे। चीनी सैनिकों ने तर्क दिया कि अगर हम वापस चले गए तो आपकी गतिविधियों पर नजर नहीं रख पाएंगे। भारतीय सेना ने इसी का विरोध किया और झड़प शुरू हो गई।

चीनी सैनिक हथियार से लैस थे और भारतीय सेना पुरानी प्रैक्टिस के तहत वहां पहुंची थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। सीमा पर शांति के लिए यह एक अच्छा कदम है। दोंनों देशों की सेनाओं में 17 जुलाई में उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता में इस पर सहमति बनी थी।इस दिन गलवान में हमारे ग्राउंड ट्रूप्स पर दबाव था, चीन पर भी दबाव था। चीन की सेना उस साइट पर बैठी हुई थी तो भारतीय सेना ने उनसे वापस जाने को कहा।