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(आसमान )
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एक बार फिर टमाटर के भाव आसमान (आसमान )पर होंगे

टमाटर के भाव : एक बार फिर टमाटर के भाव आसमान  (आसमान ) पर चढ़ने से ग्राहकों को फिर तगड़ी चपत लग सकती है. टमाटर उगाने वाले राज्यों में लंबे समय से टमाटर की कमी के कारण टमाटर की खुदरा कीमत 200 रुपये प्रति किलो से अधिक होने की उम्मीद जताई गई है. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सब्जी के थोक व्यापारियों ने कहा कि सोमवार को उत्तराखंड में टमाटर के 25 किलो के एक क्रेट की नीलामी 4,100 रुपये में की गई. मंडी अधिकारियों को दिए गए कमीशन, स्टॉक को दिल्ली लाने के लिए परिवहन और इसमें मुनाफा जोड़ने से दिल्ली की मंडियों में थोक कीमत 5,000 रुपये प्रति क्रेट से अधिक होने की संभावना है.

उत्तराखंड के देहरादून जिले के विकास नगर से 4,100 रुपये प्रति क्रेट के हिसाब से टमाटर खरीदने वाले केशोपुर मंडी के सब्जी के थोक व्यापारी सरदार टोनी सिंह ने कहा कि ‘उन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी ऊंची कीमतें कभी नहीं देखी हैं. उन्होंने कहा कि इस साल टमाटर के दाम ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.’ इस सीजन में टमाटर आम तौर पर 25 किलो के लिए 1,200-1,400 रुपये में नीलाम होता है. गौरतलब है कि जून से ही टमाटर के दाम लगातार बढ़ने लगे. थोक व्यापारियों ने टमाटर के दाम में अचानक आई तेजी का कारण कम उत्पादन और कुछ राज्यों में भारी बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान को बताया. खुदरा बाजार में टमाटर फिलहाल 150-180 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

पिछले 2 साल टमाटर किसानों को हुआ बड़ा घाटा
कई फास्ट-फ़ूड चेन ने अपने खाने के सामानों की लिस्ट से टमाटर हटा दिया है. कई रेस्तरां ने इसके सूप को अस्थायी रूप से मेनू से हटा दिया है. ग्राहकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने टमाटर पर सब्सिडी दी और करीब 500 केंद्रों पर टमाटर 90 रुपये प्रति किलो बेचना शुरू किया और बाद में इसे और घटाकर 80 रुपये कर दिया. सब्जी व्यापारी संघ के महासचिव अनिल मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली को टमाटर की आपूर्ति उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र से होती है. उन्होंने कहा कि 2020 और 2021 में टमाटर की बंपर फसल हुई. किसानों को अपनी उपज डंप करनी पड़ी क्योंकि परिवहन लागत उन्हें मिलने वाली कीमतों से बहुत अधिक थी. फरवरी और मार्च में भी कीमतों में गिरावट के कारण किसानों को नुकसान हुआ.

टमाटर की जगह किसानों ने उगाए फूल
मल्होत्रा ने कहा कि इसलिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और देश के अन्य हिस्सों में किसानों ने इस साल टमाटर के उत्पादन में कटौती की और विभिन्न प्रकार के फूल पैदा किए. कम उत्पादन और लगातार मांग के कारण टमाटर के दाम आसमान पर चढ़ गए हैं. जहां आजादपुर मंडी में हर दिन करीब 500 टन टमाटर की आवक होती थी, वहीं जुलाई में आवक घटकर 350-400 टन रह गई. सोमवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक और महाराष्ट्र से मंडी को बमुश्किल 137 टन टमाटर मिला. ऐसा लगता है कि इस महीने कीमतें ऊंची बनी रहेंगी और सितंबर के पहले हफ्ते में ही टमाटर के दाम में कमी आनी शुरू हो सकती है, जब महाराष्ट्र से और अधिक खेप मिलने लगेगी.