नई दिल्ली -डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल करने के लिए खुद पर कंट्रोल करना जरूरी होता है। अक्सर लोग डाइट में कुछ ना कुछ बदपरहेजी करते हैं जिससे उनके ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। बढ़ता तनाव और खान-पान की खराबी डायबिटीज के स्तर को तेजी से बढ़ाती है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए पर्याप्त दवाओं का सेवन करें, तनाव से दूर रहें, बॉडी को एक्टिव रखें और कुछ असरदार देसी नुस्खों का सेवन करें।डायबिटीज कंट्रोल रहेगी तो इस बीमारी के जोखिम होने का खतरा कम रहेगा। शुगर बढ़ने पर डायबिटीज के मरीजों को किडनी, लंग्स और हार्ट की बीमारी का खतरा हो सकता है।
टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों की शुगर तब बढ़ती है जब पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देता है। टाइट-2 डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वो ऐसे असरदार नुस्खों का इस्तेमाल करें जो शुगर को आसानी से कंट्रोल कर सकें। शुगर कंट्रोल करने में कालौंजी का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। कालौंजी (black seeds )किचन में मौजूद ऐसा मसाला है जिससे ज्यादातर बीमारियों का उपचार किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे ये मसाला शुगर कंट्रोल करने में असरदार है।
कालौंजी कैसे शुगर को कंट्रोल करती है:
औषधीय गुणों से भरपूर कालौंजी का सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल 2016 की एक रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज के इलाज में कालौंजी का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। रोजाना इसका सेवन करने से नैचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन होता है और ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है।
डायबिटीज के मरीज कालौंजी का सेवन इन तरीकों से कर सकते हैं।
कालौंजी का सेवन करने से पैंक्रियाज पर कम दबाव पड़ता है और इंसुलिन का उत्पादन तेजी से होता है। जिन लोगों को डायबिटीज है वो कालौंली का सेवन सुबह खाली पेट कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीज कालौंजी का सेवन उसके बीजों को पीसकर कर सकते हैं। कालौंजी को पीस कर खाने से उसे खाना आसान होता है। आप इस पाउडर को पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं।
कालौंजी का सेवन उसकी चाय बनाकर भी किया जा सकता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच कालौंजी डालें और उसे अच्छे से उबालें। पानी को छानकर उसका सेवन करें शुगर कट्रोल रहेगी।