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  (केजरीवाल)
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सरकार को कोई खतरा नहीं अरविंद केजरीवाल  (केजरीवाल)

दिल्ली : दिल्ली में आम आदमी पार्टी की केजरीवाल  (केजरीवाल) सरकार लगातार दूसरे में भारी बहुमत से बरकरार है. इस सरकार का कार्यकाल भी 2025 तक है और उसे विपक्ष या बाहर से कोई खतरा भी नहीं है. इसके बावजूद सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली असेंबली में विश्वास मत प्रस्ताव पेश कर दिया. उसके इस कदम से काफी लोग चौंक गए. उनके चौंकने की वजह थी कि केजरीवाल ने आखिर यह कदम क्यों उठाया. आखिर ऐसी क्या समस्या आ गई कि उन्हें यह कदम उठाना पड़ गया. ऐसा करके वे किसे और क्या संदेश देना चाह रहे हैं.

‘CM ने बताई विश्वास मत की वजह’

लोगों के मन में घुमड़ रहे इन सवालों का जवाब खुद सीएम केजरीवाल ने दे दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लिखा, ‘अन्य प्रदेशों में जैसे देखा जा रहा है कि पार्टियां गिराई जा रही हैं… AAP के सभी नेताओं को इन्होंने (भाजपा ने) गिरफ्तार कर लिया है… इन्हें (भाजपा को) पता है कि ये लोग दिल्ली में चुनाव जीत नहीं सकते हैं… जनता को हम पर विश्वास है और इनका प्रयास सफल नहीं रहा. जनता को दिखाने के लिए कि हमारा एक भी विधायक नहीं टूटा… मैं विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करता हूं…”

सीएम अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश कर भाजपा के ऑपरेशन लोटस का करारा जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने सदन पटल पर विश्वास प्रस्ताव लाने की वजह भी बताई. सीएम ने कहा, ‘मैं विश्वास प्रस्ताव लाकर यह दिखाना चाहता हूं कि इस बार भी दिल्ली में इनका ऑपरेशन लोटस असफल रहा. हमारा एक भी विधायक नहीं टूटा और सभी हमारे साथ हैं.’

‘हमारी सरकार गिराना है मकसद’

सीएम ने सदन को बताया कि कुछ दिन पहले भाजपा के लोगों ने हमारे सात विधायकों से संपर्क कर कहा कि थोड़े दिनों में हम तुम्हारे मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लेंगे. इसलिए भाजपा में आ जाओ. इसके बदले 25-25 करोड़ रुपए और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़वाने का ऑफर दिया गया. लेकिन हमारे विधायकों ने साफ मना कर दिया. दरअसल, इनका मकसद तथाकथित शराब घोटाले की जांच करना नहीं है, बल्कि दूसरे राज्यों की तरह हमारे नेताओं को गिरफ्तार कर दिल्ली में हमारी सरकार गिराना है.

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने मुख्यमंत्री के विश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए शनिवार को सदन में इस पर चर्चा करने की अनुमति दे दी. स्पीकर की अनुमति के बाद विश्वास मत का प्रस्ताव रखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘कुछ दिन पहले मेरी पार्टी के दो विधायक मेरे पास आए. दोनों ने आकर एक ही बात बताई कि भाजपा के लोगों ने उनसे पास आए और कहा कि थोड़े दिनों में हम तुम्हारे मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लेंगे. पहले से ही हमने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों से संपर्क कर लिया है और वो आम आदमी पार्टी को छोड़कर बीजेपी में आने के लिए मान गए हैं. इसके अलावा अभी और विधायकों से भी संपर्क कर रहे हैं.’

‘बीजेपी नेता हमारे लोगों को दे रहे ऑफर’
सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘विधायकों ने मुझे बताया कि भाजपा के लोग हमें 25-25 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया और कहा कि भाजपा में आ जाओ. बाद में अपनी पार्टी के टिकट पर तुम्हें चुनाव लड़ा देंगे. इसके अलावा कुछ और भी चाहिए तो बता दो. हमारे दोनों विधायकों ने बताया कि उन्होंने भाजपा के ऑफर को स्वीकार नहीं किया, सीधा मना कर दिया.’

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके बाद हमने एक-एक कर अपने सभी विधायकों से संपर्क किया तो पता चला कि 21 तो नहीं, लेकिन बीजेपी वालों ने हमारे 7 विधायकों से संपर्क किया था. आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने के लिए ये लोग पिछले कुछ सालों में कई बार ऑपरेशन लोटस कर चुके हैं. इन्होंने एक और ऑपरेशन लोटस करने की कोशिश की, लेकिन हमारे सभी विधायकों ने उन्हें साफ मना कर दिया.