भुज: स्वामीनारायण मंदिर में 200 साल का जश्न जितना भव्य हो रहा है, उतना ही आदर्श भी. नौ दिन चलने वाले इस समारोह में पर्यावरण के लिए की जा रही एक पहल की हर तरफ चर्चा है प्लास्टिक और कागज की प्लेटों से पर्यावरण को नुकसान न हो इसलिए भुज मंदिर के महंत स्वामी धर्मानंददासजी ने पुराने जमाने में इस्तेमाल होने वाली पत्तों की थालियों का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी.
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इस पर अमल करते हुए लाखों की भीड़ से होने वाले कचरे को नियंत्रित किया गया है. इस पूरी प्रक्रिया से अनुमान है कि महोत्सव के अंत तक पूरा कचरा एकत्र होने के बाद गड्ढे भर जाएंगे और दो महीने में 200 टन से अधिक खाद तैयार हो जाएगी. कचरे की थालियों से तैयार खाद का उपयोग परिवार खुद खेती के लिए करेगा.