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नेतन्याहू पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

इजरायल : इजरायल को चिंता है कि गाजा में अंतरराष्ट्रीय कानून के कथित उल्लंघन के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय पीएम बेंजामिन नेतन्याहू समेत वरिष्ठ मंत्रियों व अधिकारियों के खिलाफ अरेस्ट वॉरेंट जारी कर सकता है.

आईसीसी इजरायल पर हमास के 7 अक्टूबर के हमले और हमास शासित गाजा पर इजरायल के विनाशकारी सैन्य हमले की जांच कर रहा है. बता दें आईसीसी व्यक्तियों पर युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार का आरोप लगा सकती है.
नेतन्याहू ने ब्रिटेन और जर्मनी से मांगी मदद
टीवी रिपोर्ट में कहा गया है कि नेतन्याहू ने इस सप्ताह ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ अपनी बैठकों में यह मामला उठाया और उनसे मदद मांगी.

विदेश मंत्री दूतावासों को अलर्ट किया
आईसीसी वॉरंट को लेकर इजरायली मीडिया रिपोर्टों को देखते हुए विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने रविवार को इजरायली दूतावासों को ‘गंभीर यहूदी विरोधी भावना की लहर’ से बचने के लिए अपनी सुरक्षा बढ़ाने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि अदालत (आईसीसी) वरिष्ठ इजरायली नेताओं और सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने से परहेज करेगी. हम अपना सिर नहीं झुकाएंगे या विचलित नहीं होंगे और लड़ते रहेंगे.

नेतन्याहू ने कही यह बात
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को कहा कि आईसीसी के किसी भी फैसले से इजरायल के कामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा हालांकि यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा.

हमास नेताओं के खिलाफ भी जारी हो सकता है वारंट
रॉयटर्स के मुताबिक इजरायली मीडिया ने बताया कि इजरायली अधिकारी जहां नेतन्याहू और अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आईसीसी गिरफ्तारी वारंट को लेकर चिंतित हैं वहीं उन्होंने कहा कि आईसीसी हमास के नेताओं के लिए भी गिरफ्तारी वारंट पर विचार कर रहा है.

बता दें इजरायल आईसीस का सदस्य नहीं है और इसके अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है. हालांकि फिलिस्तीनी क्षेत्रों को 2015 में सदस्य राज्य की स्थिति के साथ इसमें शामिल किया गया था.

अक्टूबर में, आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा कि अदालत इजरायल में हमास लड़ाकों और गाजा पट्टी में इजरायली बलों द्वारा किए गए किसी भी संभावित युद्ध अपराध पर अधिकार क्षेत्र रखती है.

अमेरिकी की प्रतिक्रिया
रॉयटर्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा, ‘आईसीसी एक स्वतंत्र संगठन है और उनके प्रयास अमेरिका के किसी भी संपर्क या हस्तक्षेप के बिना किए जा रहे हैं.’
व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने बाद में सोमवार को कहा, ‘इस स्थिति में आईसीसी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, और हम इसकी जांच का समर्थन नहीं करते हैं.’

बता दें इजरायल का करीबी सहयोगी अमेरिका भी अदालत का सदस्य नहीं है.

क्या होगा अगर वारंट जारी हुआ
रॉयटर्स के मुताबिक इंग्लैंड में एसेक्स यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के लेक्चरर मैथ्यू गिललेट ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट जारी होने बाद व्यक्ति उन 120 से अधिक देशों की यात्रा नहीं कर पाएगा जो आईसीसी के सदस्य हैं, उसके गिरफ्तार होने की संभावना होती है. आईसीसी के मेंबर्स में अधिकांश यूरोपीय देश, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.

गिललेट ने कहा कि अगर इजरायली अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है, तो कुछ सहयोगी देश हथियारों के ट्रांसफर को कम करने या राजनयिक यात्राओं को कम करने, इजरायल के अंतरराष्ट्रीय अलगाव को बढ़ाने जैसी कार्रवाई कर सकते हैं.गिललेट ने ने कहा, ‘इससे पश्चिमी उदार लोकतंत्रों के लिए इज़राइल के साथ जुड़ना और अधिक कठिन हो जाएगा.’