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रामायण कथा सिखाती है जीवन जीने की कला!प्रभु के दर्शन से होता है पापों का नाश।

बिछवा – प्रभु के दर्शन और स्पर्श मात्र से मनुष्य के संपूर्ण जीवन के सभी पापों का नाश हो जाता है। मनुष्य जिस प्रकार के कर्म करता है उसका भोग उसे भोगना पड़ता है। आज संसार में जो लोग गलत काम करके उनका वैभव बढ़ रहा है वह उनके पिछले जन्म का कुछ पुण्य उदय हुआ है इस कारण उनका हो रहा है। जिस दिन वह पुण्य समाप्त हो जाएगा वह धरा शाही हो जाएंगे यह शब्द भागेश्वरी मंदिर भनऊ के प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान आचार्य राजकुमार पाठक ने कहे। कथा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो भी धार्मिक ग्रंथ है कलयुग में मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाते हैं जो लोग जितनी सादगी से रहते हैं उनका लोक परलोक दोनों उतनी सादगी से ही सुधरता है इस आडंबर की दुनिया में चकाचौंध की दुनिया में जो लोग गलत काम करते हैं वह थोड़ी देर के लिए तो इस संसार में अपने यस वैभव को बढ़ाते हैं लेकिन जिस दिन उनके पुण्य कर्मों का वैभव समाप्त हो जाता है उस दिन उनका सब कुछ बर्बाद हो जाता है इस कलयुग में जो लोग जिस तरह का कर्म करते हैं उनके सामने उसका फल अवश्य आता है।

आज सनातन धर्म के प्रति युवाओं में उत्साह देखने को मिल जाता है एक समय में सनातन धर्म पर कुठाराघात हुआ बाहर की मशीनरी ने काम किया और और पाश्चात्य संस्कृति दिल और दिमाग पर छाने लगी लेकिन धीरे-धीरे समाज में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार होने लगा है लोगो के मस्तक पर टीका अब दिखाई देने लगा है। भागवत कथा में श्याम राधा की सुंदर झांकियां देखने को मिली। भागवत कथा में परीक्षित विनोद कुमार स्नेह लता शशिकांत दुबे रुचि दुबे नितिन शिवम दुबे मनोज राजपूत रजनीश राजपूत अरुण दुबे सिद्धू विहान विद्युश दुबे प्रफुल्ल दुबे आदि लोग मौजूद रहे।